उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को बहुत जल्द नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है। पार्टी सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम इस अहम जिम्मेदारी के लिए लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि, अभी तक पार्टी की ओर से इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन संकेत साफ हैं कि बीजेपी नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताया है।
प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर लखनऊ में सियासी हलचल तेज हो चुकी है। राजधानी को पार्टी के झंडों और होर्डिंग्स से सजाया गया है। बीजेपी के तमाम विधायक, सांसद और वरिष्ठ पदाधिकारी पहले ही लखनऊ पहुंच चुके हैं। इस महत्वपूर्ण मौके पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और संगठन महासचिव बीएल संतोष जैसे बड़े नेता भी मौजूद रहेंगे। ऐसे में यह चुनाव केवल औपचारिक नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करने की दिशा में भी बेहद अहम माना जा रहा है।
कौन हैं पंकज चौधरी?
पंकज चौधरी पूर्वांचल की राजनीति का एक बड़ा और प्रभावशाली नाम हैं। वे उत्तर प्रदेश के महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सात बार सांसद चुने जा चुके हैं, जो अपने आप में उनकी मजबूत जनाधार और राजनीतिक पकड़ को दर्शाता है। उनका राजनीतिक सफर जमीनी स्तर से शुरू हुआ था। उन्होंने पार्षद के रूप में राजनीति में कदम रखा, फिर गोरखपुर के डिप्टी मेयर बने और इसके बाद 1991 में पहली बार संसद पहुंचे।
पार्टी संगठन और सरकार—दोनों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। साल 2021 से वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। पीएम मोदी के साथ उनकी नजदीकी के कई उदाहरण सामने आए हैं। गोरखपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री का अचानक पंकज चौधरी के घर पहुंचना, उनकी सियासी हैसियत और भरोसे को दर्शाता है।
राजनीति के साथ मजबूत कारोबारी पहचान
पंकज चौधरी सिर्फ एक अनुभवी राजनेता ही नहीं, बल्कि एक सफल उद्योगपति भी हैं। वे मशहूर आयुर्वेदिक तेल ‘राहत रूह’ बनाने वाली कंपनी हरबंशराम भगवानदास के मालिक हैं। यह तेल खासतौर पर उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के इलाकों में घर-घर इस्तेमाल किया जाता है और काफी लोकप्रिय माना जाता है।
उनके कारोबार की पहुंच और सफलता ने उन्हें राजनीति में भी एक अलग पहचान दिलाई है। यही वजह है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में देखा जाता है, जो चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। कई राजनीतिक विश्लेषक उन्हें “किंगमेकर” की छवि वाला नेता भी बताते हैं।
कितनी है पंकज चौधरी की नेटवर्थ?
चुनावी हलफनामों के अनुसार, पंकज चौधरी की कुल संपत्ति 41 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। उनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं तक है। दिलचस्प बात यह है कि साल 2004 में उनकी कुल संपत्ति एक करोड़ रुपये से थोड़ी ज्यादा थी, जो बीते करीब 20 वर्षों में बढ़कर 41 करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुकी है। संपत्ति में यह बढ़ोतरी उनके सफल कारोबारी विस्तार और लंबे राजनीतिक करियर का परिणाम मानी जाती है।
सामाजिक समीकरण और राजनीतिक असर
पंकज चौधरी ओबीसी वर्ग के कुर्मी समुदाय से आते हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में यादवों के बाद कुर्मी समाज को सबसे बड़ा पिछड़ा वर्ग माना जाता है। कई क्षेत्रों में इस समुदाय की निर्णायक भूमिका रहती है। ऐसे में यदि पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं, तो इसका सीधा असर आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की सामाजिक और जातीय रणनीति पर पड़ सकता है।
आगे क्या?
अब सभी की निगाहें पार्टी की औपचारिक घोषणा पर टिकी हैं। यदि पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी जाती है, तो यह तय माना जा रहा है कि पार्टी संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए एक नई और आक्रामक रणनीति देखने को मिलेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके नेतृत्व में बीजेपी उत्तर प्रदेश की सियासत में किस तरह की नई दिशा तय करती है।














