Tuesday, July 1, 2025
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तिरुपति मंदिर में भगदड़ से मातम, टोकन लेने की होड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

Tragedy Strikes Tirupati Temple: Stampede Claims 6 Lives:तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार को दर्शन के लिए टोकन लेने के दौरान हुए हादसे में छह श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि कई घायल हो गए। यह भगदड़ वैकुंठद्वार सर्वदर्शनम टोकन के वितरण के दौरान मची। मंदिर प्रशासन ने गुरुवार से 94 काउंटर शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन उससे पहले ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने स्थिति को अनियंत्रित बना दिया।

कैसे हुआ हादसा?

तिरुपति बालाजी मंदिर की लोकप्रियता के चलते यहां रोजाना 50 हजार से 1 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। दर्शन की इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टोकन सिस्टम लागू है। इसमें दो विकल्प हैं:

  1. सामान्य टोकन: 50 रुपये में मिलने वाला यह टोकन वैकुंठद्वार पर मिलता है, लेकिन भीड़ के कारण इसमें दर्शन में 1-3 दिन तक लग सकते हैं।
  2. वीआईपी टोकन: 300 रुपये में उपलब्ध यह टोकन जल्दी दर्शन का विकल्प देता है।

हादसे के दिन श्रद्धालु टोकन के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए थे। भीड़ का प्रबंधन न होने के कारण भगदड़ मच गई।

ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध

मंदिर प्रशासन ने भीड़ कम करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग का विकल्प दिया है। श्रद्धालु मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर नाम, फोन नंबर और आधार कार्ड देकर टोकन बुक कर सकते हैं।

गुरुवार से शुरू होने थे 94 काउंटर

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने गुरुवार से 9 केंद्रों पर 94 काउंटरों से टोकन जारी करने की घोषणा की थी। 10 से 12 जनवरी के बीच 1.20 लाख टोकन वितरित किए जाने थे। बुधवार की शाम से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में टोकन लेने के लिए जमा हो गए, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

दर्शन के नियम और परंपराएं

तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को पहले कपिल तीर्थ में स्नान और कपिलेश्वर भगवान के दर्शन करने होते हैं। इसके बाद वेंकटाचल पर्वत पर स्थित बालाजी और फिर पद्मावती देवी के दर्शन करना अनिवार्य है।

मंदिर का प्रसाद, जिसे स्पेशल लड्डू कहा जाता है, विशेष आकर्षण है। इन लड्डुओं को 300 साल पुरानी विधि से बनाया जाता है। यह माना जाता है कि इनका स्वाद केवल मंदिर परिसर में ही अनोखा रहता है।

प्रशासन के लिए सबक

इस दुखद घटना ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए मजबूत व्यवस्था की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के हादसे दोबारा न हों।

तिरुपति बालाजी मंदिर भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस घटना से जुड़ा दुख हर भक्त के दिल को झकझोरता है, और यह हमें सुरक्षा उपायों पर पुनर्विचार का अवसर भी देता है।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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