बिहार — RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए कहा है कि 8 अक्तूबर को उनकी पार्टी की प्रत्याशियों की सूचि जारी कर दी जाएगी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि नई पार्टी जनशक्ति जनता दल राज्य की सभी सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी और सत्ता के लिए नहीं, बल्कि राज्य को एक नई दिशा देने के इरादे से मैदान में उतरी है।
पार्टी तैयार, उम्मीदवारों की सूची 8 अक्तूबर को
तेज प्रताप का कहना है कि जनशक्ति जनता दल पूरी तरह से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है और जल्द ही प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे। उन्होंने दोहराया कि उनकी पार्टी स्थानीय मुद्दों और विकास एजेंडे के साथ चुनावी मुकाबले में उतरेगी।
पारिवारिक विवाद के बाद राजनीति में सक्रिय
याद रहे कि पारिवारिक मतभेदों के बाद तेज प्रताप को आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बावजूद वह बिहार की राजनीति में सक्रिय बने रहे और कुछ छोटे दलों के साथ मिलकर जनशक्ति जनता दल की नींव रखी। उनका उद्देश्य स्पष्ट है—स्वतंत्र राजनीतिक पहचान बनाना और क्षेत्रीय राजनीति में अपनी जगह पक्की करना।
महुआ से दावेदारी और स्थानीय सीमांकन
पिछले विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप ने आरजेडी की टिकट से चुनाव लड़ा था, पर इस बार उन्होंने शुरू से ही संकेत दिए हैं कि वे महुआ सीट से अपनी दावेदारी पेश करेंगे। हाल के दिनों में वे उस क्षेत्र का कई बार दौरा कर चुके हैं और स्थानीय नेताओं व मतदाताओं से संपर्क बढ़ा रहे हैं।
आरजेडी पर तीखे टिप्पणियाँ — “जयचंद” का जिक्र
तेज प्रताप ने आरजेडी पर कई बार कटाक्ष भी किए हैं और पार्टी में कुछ लोगों को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि आरजेडी में “जयचंद” हैं और उनकी पहचान जरूरी है—हालाँकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किसे संकेत दे रहे हैं। इस टिप्पणी ने सियासी हलकों में अटकलें बढ़ा दी हैं और सबकी नज़रें 8 अक्तूबर को जारी होने वाली प्रत्याशियों की सूची पर टिकी हैं।
क्या तेज प्रताप आरजेडी में सेंध लगाएंगे या नए चेहरों को उतारेंगे?
तेज प्रताप के हालिया बयानों और गतिबिधियों ने राजनीतिक विश्लेषकों तथा मतदाताओं में जिज्ञासा बढ़ा दी है—क्या वह आरजेडी के भीतर फटकार लगाकर पुरानी सत्ता संरचना में सेंध लगाएंगे, या पूरी तरह नए चेहरे और गठजनों के साथ चुनाव लड़कर अलग राह चुनेंगे। 8 अक्तूबर की सूची इन प्रश्नों के जवाब दे सकती है।
संक्षेप में: तेज प्रताप यादव ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा जमीनी स्तर पर सक्रिय है और जनशक्ति जनता दल 8 अक्तूबर को प्रत्याशियों की सूची घोषित करके चुनावी मोर्चा कायम करेगा। इस कदम से बिहार की सियासत में नए समीकरण बन सकते हैं।