
पटना –
राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आखिरकार उस बेटे के खिलाफ कड़ा कदम उठा ही लिया, जो वर्षों से विवादों के केंद्र में रहा है। तेज प्रताप यादव, जो कभी कृष्ण भक्त की छवि तो कभी ‘राजनीतिक सन्यासी’ के तौर पर चर्चा में रहे, अब न पार्टी में हैं, न ही परिवार में। एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट ने इस बार उनकी राजनीतिक और पारिवारिक ज़िंदगी दोनों को हिला कर रख दिया है।
12 साल के रिलेशनशिप का दावा और बवाल की शुरुआत
शनिवार को तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने खुद को एक युवती के साथ 12 साल पुराने रिलेशनशिप में बताया। पोस्ट में लिखा गया:
“मैं तेज प्रताप यादव हूं। इस लड़की के साथ मेरा 12 साल पुराना रिलेशनशिप है। अब इस सच्चाई को सबके सामने लाने का वक्त आ गया है।”
इस पोस्ट के साथ एक फोटो भी वायरल हुई, जिसने राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया।
पलटी मार: हैकिंग का आरोप और पोस्ट डिलीट
पोस्ट के वायरल होते ही तेज प्रताप यादव ने हैकिंग का दावा करते हुए कहा कि उनका अकाउंट हैक कर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई है। उन्होंने लिखा:
“मेरे फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट हैक कर बदनाम किया जा रहा है। मेरी और मेरे परिवार की छवि को खराब करने की कोशिश हो रही है।”
तेज प्रताप ने पोस्ट डिलीट किया और मालदीव के समुद्र किनारे ध्यान लगाते हुए अपना वीडियो साझा किया।
लालू का ‘परिवार धर्म’: पार्टी और परिवार दोनों से निकाला
रविवार को लालू प्रसाद यादव ने इस मामले को “नैतिकता और परिवार की गरिमा” से जोड़ते हुए तेज प्रताप यादव को छह साल के लिए RJD से निलंबित कर दिया। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि अब तेज प्रताप परिवार का हिस्सा भी नहीं हैं।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट सुनाई दे रही है, और तेजस्वी यादव को अगला मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किया जा रहा है। तेज प्रताप का विवाद पार्टी की साफ-सुथरी छवि के लिए खतरा बनता जा रहा था।
क्या ये सिर्फ डैमेज कंट्रोल है?
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश अश्क मानते हैं कि यह फैसला लालू यादव की राजनीतिक विवशता और डैमेज कंट्रोल का हिस्सा है। अगर सच में 12 साल पुराना रिश्ता था, तो फिर 2018 में तेज प्रताप की शादी क्यों करवाई गई? और अगर यह पोस्ट फर्जी थी, तो फिर लालू का इतना बड़ा फैसला क्यों?
तेज प्रताप की शादी पहले ही विवादों में रह चुकी है—पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ हिंसा, कोर्ट केस और तलाक की याचिका सबकुछ सार्वजनिक डोमेन में रहा है। दूसरी ओर, यादव समाज बिना शादी के किसी रिलेशनशिप को स्वीकार नहीं करता। ऐसे में लालू प्रसाद को लगने लगा था कि यह मुद्दा पार्टी और बिरादरी के भीतर साख को नुकसान पहुंचा सकता है।
तेज प्रताप की वो 5 बड़ी गलती, जिन्हें लालू सालों से नजरअंदाज करते रहे:
- मार्च 2025 में होली पर पुलिसकर्मी को नचाने की धमकी, “नहीं नाचे तो सस्पेंड कर दूंगा” – वीडियो वायरल हुआ, विपक्ष ने ‘सत्ता के नशे’ का प्रतीक बताया।
- सीएम नीतीश के आवास के बाहर स्कूटी से चिल्लाना: “पलटू चाचा कहां हैं?” – न सिर्फ ट्रैफिक नियम तोड़ा, बल्कि सार्वजनिक गरिमा पर भी सवाल खड़े किए।
- धार्मिक नाटकों का राजनीतिक मंचन: कृष्ण रूप में बांसुरी बजाना, खुद पर जलाभिषेक – कई बार इसका मजाक बना।
- राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह से टकराव: 2021 में खुले मंच से हमला बोला, छात्र संगठन में नियुक्ति को लेकर पार्टी में दरार पैदा की।
- शादी और घरेलू हिंसा का विवाद: ऐश्वर्या राय के साथ शादी कुछ ही महीनों में टूटी, घरेलू हिंसा के आरोपों से अदालत और मीडिया में किरकिरी हुई।
तेज प्रताप यादव के बेतुके बयानों, विवादित हरकतों और निजी जीवन के झंझावात ने आखिरकार लालू यादव को कड़ा फैसला लेने पर मजबूर कर दिया। यह सिर्फ राजनीतिक शुद्धिकरण नहीं, बल्कि एक पिता द्वारा बेटे से सार्वजनिक रूप से रिश्ता तोड़ने जैसा अभूतपूर्व घटनाक्रम है। आने वाले बिहार चुनावों में इसका असर कितना पड़ेगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन एक तस्वीर ने इस बार बहुत कुछ बदल दिया है।