Swamitva Yojana: नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई स्वामित्व योजना, जो भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्वामित्व की स्पष्टता और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, अब अपने महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुंच चुकी है। यह योजना, जो 24 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर शुरू की गई थी, अब 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार से ज्यादा गांवों तक पहुंच चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार (18 जनवरी) को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्डों का वितरण करेंगे। इनमें दिल्ली के 31 गांवों को भी शामिल किया गया है, जिनमें साउथ दिल्ली के 16 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यह वितरण न केवल गांवों में संपत्ति के अधिकार को स्थापित करेगा, बल्कि ग्रामीणों को बैंक लोन की सुविधा देने में भी मदद करेगा, जिससे उनका आर्थिक स्तर और बेहतर होगा।
स्वामित्व योजना: ड्रोन तकनीक से संपत्ति की पारदर्शिता
स्वामित्व योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि और संपत्ति की सटीक और पारदर्शी माप-जोख को सुनिश्चित करना है। इसके तहत ड्रोन तकनीक का उपयोग कर गांवों में घरों की मैपिंग की जाती है, और इसके बाद प्रत्येक संपत्ति के मालिक को कानूनी स्वामित्व कार्ड (संपत्ति कार्ड) प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत अब तक 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा किया जा चुका है, जो लक्षित गांवों का लगभग 92 प्रतिशत है।
विकसित ग्रामीण भारत की दिशा में एक कदम
स्वामित्व योजना ने अब तक 1.53 लाख से अधिक गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए हैं, जो ग्रामीण भारत में संपत्ति विवादों को कम करने, बैंक लोन की उपलब्धता बढ़ाने और आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने में सहायक होंगे। इस योजना से न केवल संपत्ति के अधिकारों की सुरक्षा होगी, बल्कि यह ग्राम-स्तरीय विकास और योजनाओं के निर्माण में भी सहायता करेगा।
संपत्ति के मुद्रीकरण और बैंक लोन की सुविधा
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का स्पष्ट रिकॉर्ड मिलने से न केवल विवादों में कमी आएगी, बल्कि किसानों और ग्रामीण परिवारों को बैंक लोन प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। साथ ही, यह योजना ग्रामीण भारत के लिए एक नई आर्थिक संभावना का द्वार खोलेगी, जहां से विकास की गति और तेज हो सकती है।
तकनीकी और संस्थागत समर्थन
यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के समन्वित प्रयासों से चल रही है, जो ग्रामीणों के अधिकारों की रक्षा और उनका सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करती है। यह योजना न केवल ग्रामीणों को आर्थिक समृद्धि का रास्ता दिखाती है, बल्कि समग्र ग्राम-स्तरीय योजना को सक्षम करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की शुरुआत कर यह सुनिश्चित किया कि भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों को उनके संपत्ति अधिकारों का सम्मान मिले और साथ ही उनका आर्थिक विकास तेज़ी से हो। स्वामित्व योजना के जरिए भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई क्रांति लाने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है, जो पूरी दुनिया में एक आदर्श बन सकता है।
VIKAS TRIPATHI
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