तमिलनाडु के करूर में अभिनेता-राजनेता और तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) के प्रमुख विजय की चुनावी रैली के दौरान हुई भगदड़-सी स्थिति में बड़ी संख्या में लोग घायल और कई की मौतों की खबर सामने आई है। मरने-घायल लोगों की संख्या अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों में भिन्न बताई जा रही है — राज्य स्वास्थ्य मंत्री और कुछ सूत्रों के अनुसार करीब 29 लोगों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया, वहीं कुछ बड़े समाचार संस्थानों ने 31 या 33 तक की संख्या भी रिपोर्ट की है। स्थिति अभी प्रवाहमान है और आधिकारिक पुष्टि के लिए आपात जांच जारी है।
घटना क्या हुई — घटनाक्रम का संक्षेप
रैली स्थल पर भारी भीड़ इकट्ठा थी और विजय के देर से पहुँचने तथा गर्मी-भीड़ के कारण कई लोग बेहोश होने लगे। इसी के बाद स्थिति बेकाबू हुई: कुछ लोग गिरने लगे, घिरा-घिराकर धक्कामुक्की और भागदौड़ हुई और कई लोग दबकर घायल हुए। कई बेकाबू हुए लोगों को मौके पर ही बेहोशी की हालत में देखा गया और एम्बुलेंसों को भी भीड़ के बीच रास्ता बनाते हुए अस्पताल तक पहुँचने में कठिनाई हुई। अधिकारियों ने शुरुआती तौर पर बताया कि कई घायल गंभीर हालत में हैं।
घायलों-मृतकों की संख्या और हालत
सरकारी/स्थानीय सूत्र: तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने बताया कि दर्जनों लोगों को मृत हालत में अस्पताल लाया गया और घायल कई लोगों का इलाज चल रहा है। कुछ रिपोर्टें 29 मृत, जबकि कुछ रिपोर्टों में 31/33 मृतक बताए जा रहे हैं। मृतकों में बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं।
इमरजेंसी स्थिति: दर्जनों घायल करूर के स्थानीय अस्पतालों में भर्ती हैं; कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है और आईसीयू में भर्ती होने की खबरें हैं। एम्बुलेंसों द्वारा इलाज-स्थल तक पहुँचने में बाधा रही।
#WATCH | Tamil Nadu: A large number of people attended the campaign of TVK (Tamilaga Vettri Kazhagam) chief and actor Vijay in Karur
A stampede-like situation reportedly occurred here. Several people fainted and were taken to a nearby hospital. More details are awaited.… pic.twitter.com/4f2Gyrp0v5
— ANI (@ANI) September 27, 2025
अधिकारियों-राजनीतिक प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने घटना पर चिंता जताई और लोगों से डॉक्टरों व पुलिस के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और स्थानीय मंत्रियों को वहां तुरंत जाने और पीड़ितों को युद्धस्तर पर मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं; उनकी करूर यात्रा की संभावना भी बताई जा रही है।
राज्य के कई मंत्री, जिलाधिकारियों व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल व अस्पताल पहुंच चुके हैं और राहत-बचाव गतिविधियाँ जारी हैं।
कारणों पर प्रारम्भिक संकेत — क्या वजह बनी भगदड़?
प्रारम्भिक रिपोर्टों व वीडियो फुटेज से यह संकेत मिलता है कि मुख्य कारण अत्यधिक भीड़, विजय के देर से आने और भीड़ में लोगों के गिरने-बेहोश होने से फैलने वाला डर-पैनिक था। eyewitness वीडियो में भीड़ में लोग गिरते दिख रहे हैं और कुछ छोटे बच्चों के दबे होने की खबरें भी आईं। इसके अलावा सुरक्षा और प्रवेश-निकास प्रबंधों की कमी व आपात मार्गों पर भीड़-भरी होने के कारण एम्बुलेंस के लिए मुश्किलें बढ़ीं। ऐसी बातों पर आगे की जाँच की जाएगी।
कानूनी और अगली कार्रवाई
कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि पुलिस इस मामले में आपराधिक प्राथमिकी दर्ज करने पर विचार कर रही है और आयोजकों व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच हो सकती है। एक रिपोर्ट ने यह भी लिखा कि पुलिस विजय के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है — जांच से ही तय होगा कि सुरक्षा-प्रबंध कहाँ-कहां चूक गए।
Tamil Nadu CM MK Stalin tweets, “The news coming from Karur is worrying. I have called former Minister V Senthilbalaji and Minister Subramanian Ma, and the District Collector to provide immediate treatment to the civilians who have fainted due to the crowd and have been admitted… https://t.co/76RqE8tcgy pic.twitter.com/vbogbixBwq
— ANI (@ANI) September 27, 2025
राहत-कार्रवाई व जनता के लिए निर्देश
स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग तात्कालिक चिकित्सा सहायता, शव-निराकरण और पोस्ट-मॉर्टम व्यवस्था कर रहे हैं; प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने जनता से अनुरोध किया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, और चिकित्सकों तथा पुलिस के निर्देशों का पालन कर बचाव कार्यों में सहयोग दें।
क्या समझें?
करूर की यह घटना चुनावी सभाओं में भीड़-प्रबंधन और सुरक्षा मानकों की अहमियत को फिर से रेखांकित करती है। शुरुआती रिपोर्टें और अधिकारीयाँ सोमवार-रात तक प्रवाहमान रहीं — मृतक व घायलों की संख्या में विभिन्न रिपोर्टों का फर्क सामान्यतः तभी बंद होता है जब प्रशासनिक और चिकित्सीय जांच का समेकित आंकड़ा सामने आता है। फिलहाल प्राथमिक प्राथमिकताएँ हैं: पीड़ितों का त्वरित इलाज, प्रभावित परिजनों को मदद और घटना की निष्पक्ष जाँच ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।














