जंगीपुर – पांच दिवसीय श्री हरि कथा के कार्यक्रम में आशुतोष महाराज ने प्रवचन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान, जीवन के उद्देश्य, ध्यान और मानवता के कल्याण पर गहन दृष्टिकोण होता है। उन्होंने अपने विचारों और उपदेशों के माध्यम से लोगों को आत्मिक जागृति और सच्चे आनंद की दिशा में प्रेरित किया।श्रीराम चंद्र जी के जीवन की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक
आशुतोष महाराज जी ने अपने प्रवचन में भगवान श्रीराम चंद्र जी क उनके उपदेशों में श्रीराम के जीवन के आदर्शों, उनके त्याग, मर्यादा और धर्म के प्रति निष्ठा पर विशेष जोर दिया। कहा कि श्रीराम चंद्र जी केवल एक महान राजा ही नहीं, बल्कि एक आदर्श व्यक्तित्व हैं। जिनसे हर इंसान को सीखना चाहिए कि जीवन में सत्य, धर्म और कर्तव्य का पालन कैसे किया जाए। उनके विचार में श्रीराम चंद्र जी के जीवन की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। व्यक्ति को सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।
आशुतोष महाराज जी ने अपने प्रवचन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाओं पर भी गहन विचार प्रस्तुत भी किए। वे श्रीकृष्ण को एक ऐसे महान व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत कर कहा कि जिन्होंने जीवन के हर पहलू में संतुलन और धैर्य दिखाया। विशेष रूप से श्रीमद् भगवद गीता में दिए गए श्रीकृष्ण के उपदेशों को उन्होंने जीवन का मार्गदर्शक बताया। जो कर्म, भक्ति, और ज्ञान का अद्भुत समन्वय है।
श्रीकृष्ण की कर्मयोग की शिक्षा पर बल देते थे। जिसमें बिना फल की इच्छा किए अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा मिलती है। संसार में स्वार्थ बहुत ही बड़े स्तर पर फल फूल रहा है। हम इंसान हैं। भगवान हमारे पूजनीय आधार हमें रास्ता दिखाने वाले इसलिए हमें अपने संस्कृति के साथ-साथ समाज को ध्यान में रखते हुए भगवान श्री रामचंद्र जी और श्री कृष्ण जी के द्वारा सीख लेनी चाहिए। इस मौके पर राम प्रसाद गुप्ता, पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि लालजी गुप्ता, विद्युत प्रकाश, सुनील कुशवाहा, सुनील गुप्ता, अखिलेश चौधरी ,हरिश्चंद्र सहित अन्य लोग मौजूद रहे।