
सफलता की कहानी: आईएएस मेधा रूपम
राज्य सरकारें अक्सर ऑफिसर्स के तबादले करती रहती हैं। बीते दिनों यूपी में कई जिलों के जिलाधिकारी बदल दिए गए। इनमें ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की एडिशनल चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर रहीं आईएएस मेधा रूपम को कासगंज का जिलाधिकारी बनाया गया है। उनके पति, आईएएस मनीष बंसल, को सहारनपुर का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। आईएएस मेधा रूपम ने 2014 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल की थी और अब वे कासगंज की कमान संभालेंगी।
यूपीएससी में 10वीं रैंक हासिल की
वर्ष 2014 की यूपीएससी परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल करने वाली आईएएस मेधा रूपम का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था। उन्होंने कक्षा 8वीं तक की पढ़ाई नेवल पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम, केरल में की। इसके बाद उन्होंने तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस स्कूल से 12वीं कक्षा पूरी की और ग्रेजुएशन के लिए अपने परिवार के साथ दिल्ली चली गईं।
दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई
आईएएस मेधा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने मनोविज्ञान को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना क्योंकि उन्हें यह विषय पसंद था। मेधा के पिता, ज्ञानेश गुप्ता, केरल कैडर के आईएएस अफसर हैं और वर्तमान में भारत के निर्वाचन आयुक्त हैं। उन्होंने आईएएस ऑफिसर मनीष बंसल से शादी की है, जो फिलहाल सहारनपुर के डीएम बनाए गए हैं।
शूटिंग में गोल्ड मेडल जीते
मेधा का लगाव शूटिंग से कक्षा 12वीं में हुआ। उन्होंने 10 मीटर की एयर रायफल पीपी साइट में ट्रेनिंग ली और केरल स्टेट शूटिंग चैम्पियनशिप में तीन गोल्ड मेडल जीते। मेधा यूनिवर्सिटी लेवल पर भी शूटिंग चैम्पियनशिप में भाग लेती रहीं। 2009 में उन्होंने नेशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया, लेकिन यूपीएससी की तैयारी के कारण शूटिंग से दूरियां बना लीं।
आईएएस करियर
वर्ष 2014 की यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने के बाद उनका चयन आईएएस के पद के लिए हुआ। उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के मेरठ में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की पद पर हुई। अब, मेधा रूपम कासगंज की जिलाधिकारी के रूप में सेवा देंगी।

VIKAS TRIPATHI
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