अहमदाबाद | 12 जून 2025 — एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के क्रैश की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी कर दी गई है, और इसमें सामने आए तथ्यों ने सभी को चौंका दिया है। एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि टेकऑफ के चंद सेकंड बाद ही विमान के दोनों इंजन अचानक बंद हो गए थे, जिससे पूरा विमान नियंत्रण से बाहर हो गया और भयानक हादसा हो गया।
बिना चेतावनी बंद हुए दोनों इंजन
AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, प्लेन ने सुबह 8:08 बजे 180 नॉट्स की स्पीड के साथ टेकऑफ किया था, लेकिन महज कुछ सेकेंड बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए। यह बदलाव सिर्फ 1 सेकंड के अंतराल में हुआ। इसका मतलब था कि इंजनों में फ्यूल की सप्लाई अचानक बंद हो गई — और विमान में ताकत का मुख्य स्रोत खत्म हो गया।
पायलटों की बातचीत में झलकी हैरानी
रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से भी अहम जानकारी सामने आई है। एक पायलट ने जब दूसरे से पूछा “तुमने इंजन क्यों बंद किया?”, तो जवाब मिला “मैंने कुछ नहीं किया।”
यह संवाद दिखाता है कि यह तकनीकी त्रुटि मानव भूल नहीं बल्कि सिस्टम की अचानक विफलता थी। अभी तक यह साफ नहीं है कि स्विच अपने आप कैसे ऑफ हुए — लेकिन यह हादसे का सबसे अहम कारण साबित हो सकता है।
आपातकालीन सिस्टम भी नहीं बचा सके विमान
जब विमान के दोनों इंजन बंद हो गए और पावर सप्लाई भी ठप हो गई, तो प्लेन के आपातकालीन सिस्टम — जैसे Ram Air Turbine (RAT) और APU (Auxiliary Power Unit) — सक्रिय हो गए।
RAT सिस्टम सिर्फ तभी एक्टिव होता है जब इंजन या इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल हो जाए, और यह एयरस्पीड के सहारे प्लेन को कुछ हद तक पावर देने की कोशिश करता है। लेकिन इस बार ये उपाय भी विमान को बचा नहीं सके।
As per the EAFR data, the aircraft crossed the take-off decision speed V1 and achieved 153 kts IAS at 08:08:33 UTC. The Vr speed (155 kts) was achieved as per the EAFR at 08:08:35 UTC. The aircraft air/ground sensors transitioned to air mode, consistent with liftoff at 08:08:39… pic.twitter.com/k8H8PaDTv7
— ANI (@ANI) July 11, 2025
भीषण हादसा, 260 की मौत
यह दर्दनाक हादसा 12 जून को सुबह हुआ, जब एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुआ था। टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद, विमान शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर पर क्रैश हो गया।
इसमें 241 यात्रियों और 12 क्रू सदस्यों समेत 260 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। केवल एक यात्री जीवित बच पाया — जिसे चमत्कारी रूप से चमत्कारिक बचाव माना जा रहा है।
अब भी जारी है विस्तृत जांच
AAIB ने यह स्पष्ट किया है कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है और हादसे की विस्तृत तकनीकी जांच अब भी जारी है। विमान के ब्लैक बॉक्स, इंजनों के डाटा, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और ग्राउंड कंट्रोल से मिली जानकारी का विश्लेषण किया जा रहा है।
नए सवाल, जवाबों की तलाश
इस रिपोर्ट ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
क्या यह सॉफ्टवेयर फेलियर था या कोई गहरी तकनीकी खामी?
क्या प्लेन के मेंटेनेंस में कोई लापरवाही हुई?
क्या सिस्टम को हैक या मैन्युपुलेट किया गया?
इन सवालों के जवाब अब अंतिम रिपोर्ट में सामने आएंगे, जिसे लेकर देश और दुनिया की निगाहें इस जांच पर टिकी हैं।
यह हादसा भारत की एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है — जहां तकनीक, निगरानी और सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सख्ती पहले से कहीं ज़्यादा जरूरी हो गई है।