नई दिल्ली — कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चुनाव आयोग से सीधे सवाल उठाते हुए कहा है कि आज इंडिया ब्लॉक के सांसदों के विरोध प्रदर्शन में उठाए गए प्रमुख प्रश्नों का उत्तर आयोग देने में नाकाम रहा। थरूर ने लिखा कि आयोग को शपथ-हलफनामों जैसी औपचारिकताओं पर नहीं, बल्कि उन गंभीर विसंगतियों और मतदाता सूची से जुड़े संदेहों का समाधान करने में ध्यान लगाना चाहिए जिनके कारण आम नागरिकों के मन में चुनावी निष्पक्षता पर प्रश्न उठ रहे हैं।
“आयोग का अपना हित है पारदर्शिता”
थरूर ने पोस्ट में आग्रह किया कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर उठे संदेहों को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बताई गई कमियों को तकनीकी और प्रशासनिक कदमों से सहजता से दुरुस्त किया जा सकता है और ऐसे स्पष्ट जवाब दिए जा सकते हैं जो वोटर-लिस्ट में हेराफेरी की आशंका को मिटा दें। “देश को इन सवालों के उत्तर पाने का अधिकार है,” उन्होंने लिखा।
इंडिया गठबंधन का विरोध मार्च रोका गया, कई सांसद हिरासत में
आज विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला — यह मार्च बिहार में SIR और 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान होने वाली कथित गड़बड़ियों के विरोध में आयोजित किया गया था। लेकिन मार्च को संसद परिसर के बाहर ही रोक दिया गया। इसमें हिस्सा लेने के लिये निकले कई वरिष्ठ विपक्षी नेता, जिनमें नेता-विपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत भी शामिल थे, कुछ समय के लिये हिरासत में लिए जाने की खबरें आईं। प्रदर्शन में कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत अनेक सांसद शामिल थे।
At the INDIA bloc MPs’ protest today. We are all asking why @ECISVEEP could not give serious answers to the serious questions raised by @RahulGandhi, rather than insisting on formalities like an oath and an affidavit (when the data cited is all the EC’s own data anyway). It is… pic.twitter.com/E1Ptve3gzQ
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 11, 2025
चुनाव आयोग की साख पर उठते सवाल
शशि थरूर ने कहा कि जब तक मतदाता और राजनीतिक दल चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर आशंकित हैं, तब तक चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को खतरा बना रहेगा। उनका मानना है कि आयोग की ही भलाई में है कि वह विपक्ष के उठाये गए सवालों का ठोस, पारदर्शी और समयबद्ध जवाब दे — तभी जनता का भरोसा लौटेगा।
कथित गड़बड़ियों पर आगे की राह
विपक्ष का दबाव और आज का मार्च यह संकेत देता है कि यदि चुनाव आयोग संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देता है तो राजनीतिक और कानूनी चुनौती तेज हो सकती है। अब देखने वाली बात यह है कि आयोग किस तरह से इन आरोपों का जवाब देता है — क्या वह विस्तृत जांच का एलान करेगा, संशोधनात्मक कदम उठायेगा, या विपक्ष को मनाने के लिये कोई समेकित प्रक्रिया अपनायेगा।