लखनऊ — हरियाणा के गुरुग्राम निवासी पीसीएस अधिकारी संगीता राघव, जो वर्तमान में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में ओएसडी के रूप में कार्यरत हैं, हाल ही में भारतीय वायुसेना की पश्चिमी वायु कमान द्वारा ऑन-द-स्पॉट प्रशंसा पदक और प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित की गईं—उनके साहस, समर्पण और सहकारिता के लिए। सहारनपुर में एसडीएम रहते हुए उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में एएफएस सरसावा के साथ मिलकर जो योगदान दिया, उसे देख कर यह सम्मान मिला। आइए उनकी यात्रा के अहम पड़ावों को संक्षेप में देखें।
विश्व बैंक में काम — और फिर एक बड़ा मोड़
मास्टर्स की पढ़ाई के बाद संगीता ने दक्षिण एशियाई संस्थान के सहयोग से विश्व बैंक के एक परियोजना में काम किया। नेपाल और हिमाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों में काम करते हुए उन्होंने सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सीधा अनुभव लिया। हालांकि विश्व बैंक जैसा प्रतिष्ठित करियर सुरक्षित विकल्प था, पर लोगों के लिए “सीधा और प्रभावी” सेवा करने की चाह ने उन्हें प्रशासनिक सेवा की ओर मोड़ दिया।
यूपी-पीसीएस: असफलता से सफलता तक की सीख
संगीता ने यूपी-पीसीएस की तैयारी के लिए समर्पित मेहनत की—दिन रात 12–13 घंटे पढ़ाई, मार्गदर्शनों का पालन और रणनीति। 2017 में नाकामी मिली तो वे टूटकर नहीं बिखरीं; 2018 में उन्होंने दूसरे स्थान के साथ यूपी-पीसीएस में सफलता हासिल कर अपनी धैर्य व परिश्रम की जीत कर ली।
सहारनपुर में एसडीएम — आपदा प्रबंधन व मिल-जुल कर काम करने की मिसाल
एसडीएम के रूप में संगीता ने प्रशासनिक चुस्तता, किसी भी स्थिति में त्वरित निर्णय क्षमता और सार्वजनिक हित के लिए समर्पण दिखाया। ऑपरेशन सिंदूर के समय उनकी वायु सेना के साथ मिलकर की गई समन्वित कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे आपातकालीन परिस्थितियों में कितनी निपुण और प्रभावी हैं—यही भूमिकाएँ उन्हें वायु सेना के सम्मान तक पहुंचाने का कारण बनीं।
LDA में ओएसडी: अनुशासन, पारदर्शिता और जनहित
वर्तमान ओएसडी पद पर संगीता की कार्यशैली में अनुशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता प्रमुख हैं। विकास परियोजनाओं से लेकर शहरी नियोजन तक, वे तकनीकी दक्षता और लोकहित के समन्वय से काम कर रही हैं—जिसका लाभ आम नागरिकों तक पहुंचने की उम्मीद है।
मिला सम्मान — मगर यह सिर्फ एक पड़ाव है
भारतीय वायुसेना द्वारा प्रदान किया गया ऑन-द-स्पॉट प्रशंसा पदक और प्रशस्ति-पत्र संगीता की बहुआयामी सेवा का मान्यता-चिन्ह है। यह उनके व्यक्तिगत साहस, टीम-वर्क और देश सेवा के जुनून का प्रतीक है—वह न केवल प्रशासन में बल्कि सामुदायिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में भी प्रभाव छोड़ रही हैं।
संदेश और प्रेरणा
संगीता राघव की कहानी उन तमाम युवाओं के लिए अनमोल सबक है जो सिविल सेवा का सपना देखते हैं: प्रतिष्ठित करियर को पीछे छोड़कर कड़ी मेहनत, असफलता से सीखना और जनहित को प्राथमिकता देना ही बड़े परिणाम लाता है। उनकी यात्रा यह सिखाती है कि जुनून और दृढ़ निश्चय होने पर कोई लक्ष्य असंभव नहीं रहता।