
जामा मस्जिद विवाद: संभल की जामा मस्जिद में रविवार को अदालत के आदेश पर हो रहे सर्वेक्षण का विरोध हिंसा में बदल गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
घटना की प्रमुख बातें:
- इंटरनेट और स्कूल बंद: हिंसा के बाद संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सोमवार को 12वीं तक के सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे।
- विवाद की जड़: स्थानीय अदालत में दाखिल याचिका में दावा किया गया था कि जामा मस्जिद की जगह पहले हरिहर मंदिर था। इसी को लेकर अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया।
- हिंसा में हताहत: इस घटना में तीन युवकों की मौत हुई है। मृतकों की पहचान नईम, बिलाल और नोमान के रूप में हुई। हिंसा में उपजिलाधिकारी, सीओ समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
- पथराव और फायरिंग: प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और गोलियां चलाईं। पुलिस ने जवाब में आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज का सहारा लिया।
- रासुका की तैयारी: पुलिस ने हिंसा के आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने की घोषणा की है। 15 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
- राजनीतिक बयानबाजी: सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस ने इस घटना को उपचुनाव से ध्यान भटकाने की साजिश बताया है।
- सर्वेक्षण के दौरान तनाव: अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने सुबह सर्वे शुरू किया। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों की भीड़ जुटी और नारेबाजी के साथ हिंसा भड़क उठी।
- पुलिस का बयान: डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और उपद्रवियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
- 34 लोग पाबंद: समाजवादी पार्टी सांसद जिया उर रहमान बर्क के पिता समेत 34 लोगों को शांति भंग की आशंका में पाबंद किया गया है।
- आगे की प्रक्रिया: एडवोकेट कमिश्नर 29 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करेंगे। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का काम पूरा हो चुका है।
संभल की हिंसा ने न केवल स्थानीय प्रशासन को चुनौती दी है, बल्कि इस घटना ने राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर भी शुरू कर दिया है। अब देखना होगा कि रासुका और अन्य कानूनी कार्रवाइयों के बाद स्थिति किस ओर जाती है।