
अलीगढ़ न्यूज अपडेट: संभल हिंसा के विरोध में अलीगढ़ में हिंदूवादी संगठनों द्वारा जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कांग्रेस ने भी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर ली है। इस संबंध में कांग्रेस ने प्रशासन को एक पत्र सौंपा है, जिसमें उनकी मांगों को स्पष्ट किया गया है।
कांग्रेस सरकार में पूर्व राज्य मंत्री श्योराज जीवन ने इस मुद्दे पर योगी सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके बयानों से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
श्योराज जीवन के तीखे बयान
पूर्व मंत्री श्योराज जीवन ने संभल हिंसा पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आजादी के 75 साल बाद भी अंग्रेजों की औलादें भारत में खून की नदियां बहा रही हैं। संभल में बच्चों, महिलाओं और निर्दोष युवाओं पर बेहरमी से अत्याचार किया गया।”
उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश में अब जंगलराज है। बच्चों की बलि चढ़ाई जा रही है और अगर कोई इसका विरोध करता है, तो उसे कुचल दिया जाता है।”
श्योराज जीवन ने संभल की जामा मस्जिद को लेकर कहा, “यह मस्जिद यहां के लोगों की है। इसे मंदिर बताने वाले कहां सोए हुए थे? यह मस्जिद कभी हिन्दुओं का पवित्र स्थान नहीं रही।”
जामा मस्जिद विवाद पर नाराजगी
जामा मस्जिद के सर्वे पर सवाल उठाते हुए श्योराज जीवन ने कहा, “सिर्फ दो घंटे में सर्वे कर कब्जा कराने की कोशिश की गई। यह पूरी तरह से प्रशासन की विफलता और सरकार की मनमानी को दिखाता है।”
उन्होंने पूजा स्थल अधिनियम 1991 का हवाला देते हुए कहा, “यह कानून साफ कहता है कि 15 अगस्त 1947 तक धार्मिक स्थलों का जो भी स्वरूप था, उसे बदला नहीं जा सकता। ऐसे में जामा मस्जिद को मंदिर बताने का दावा और अदालत द्वारा इसे स्वीकार करना असंवैधानिक है।”
सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई की मांग
श्योराज जीवन ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की। उन्होंने कहा, “अगर निचली अदालतें कानून के खिलाफ फैसले देती हैं, तो सुप्रीम कोर्ट को ऐसे जजों पर कार्रवाई करनी चाहिए। वरना जनता में न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होंगे।”
कांग्रेस नेताओं ने अलीगढ़ में ज्ञापन देकर अदालत के फैसले का विरोध किया और संविधान के अनुसार न्याय की मांग की।
निष्कर्ष:
संभल हिंसा पर श्योराज जीवन के बयानों ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। कांग्रेस और हिंदूवादी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बीच यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।