गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधान परिषद सदस्य, कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन और समाजवादी महिला सभा की जिला महामंत्री रीना यादव के पिता बच्चा यादव उर्फ बच्चा बाबू का शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 को लखनऊ पीजीआई में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन से समाजवादी पार्टी और गाजीपुर जनपद की राजनीति को गहरा आघात पहुंचा है।
बच्चा बाबू समाजवादी विचारधारा के मजबूत स्तंभ थे। वे पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और किसान, नौजवान व आम जनमानस के बीच अत्यंत लोकप्रिय रहे। उनके निधन की खबर फैलते ही जनपद भर में शोक की लहर दौड़ गई और उनके चुंगी स्थित आवास पर लोगों का तांता लग गया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता, शुभचिंतक और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
उनकी शवयात्रा से पूर्व समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने उनके पार्थिव शरीर को पार्टी के झंडे से ढंक कर श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार सदर राजीव यादव ने पुष्प अर्पित कर उन्हें सम्मान दिया। शव यात्रा जब पार्टी कार्यालय समता भवन पहुंची, तो सांसद अफजाल अंसारी समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा, “बच्चा बाबू ईमानदारी, सादगी और समर्पण की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के कमजोर वर्गों के लिए समर्पित किया। गाजीपुर में जब-जब ईमानदार और जनसेवक नेताओं की बात होगी, बच्चा बाबू का नाम सम्मान से लिया जाएगा।”
सांसद अफजाल अंसारी ने उन्हें संघर्षशील नेता बताते हुए कहा, “वे एक गरीब परिवार से उठकर राजनीति में ऊँचाई तक पहुंचे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। समाजवादी पार्टी ने आज एक महान सपूत खो दिया है जिसकी भरपाई संभव नहीं है।”
समता भवन पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा, खुर्शीद अहमद, त्रिवेणी राम, पूर्व जिलाध्यक्ष सुदर्शन यादव, रामधारी यादव, नगर पालिका अध्यक्ष रईस अहमद, अरुण कुमार श्रीवास्तव, नुसरत अंसारी, शंभू अकेला, डॉ. सीमा यादव, संतोष यादव, कमलेश यादव, अमित ठाकुर, सुशील जायसवाल, रीता विश्वकर्मा, अंजनी यादव गौरव, शेर अली राइन, आदित्य यादव, राहुल सिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।उनकी अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा और पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। समाजवादी पार्टी के इस वरिष्ठ नेता की कमी को लंबे समय तक महसूस किया जाएगा।