धौलपुर, राजस्थान के धौलपुर में स्थानीय पुलिस ने बुधवार को एक व्यक्ति को फर्जी आईपीएस अधिकारी बन कर घूमने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के पास से नीली बत्ती लगी गाड़ी, एयर रिवॉल्वर, एयर पिस्टल, दो एयर राइफलें तथा कई पहचान-पत्र और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। आरोपी की पहचान पश्चिम बंगाल निवासी सुप्रियो मुखर्जी के रूप में हुई है।
सदर थाना प्रभारी ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस महानिरीक्षक भरतपुर रेंज कैलाश चंद्र बिश्नोई और धौलपुर पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान के निर्देश पर सामग्रीदार नाकाबंदी के दौरान हुई। पुलिस ने सदर थाने के पास आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के चौराहे पर नाकाबंदी की हुई थी, तभी उन्हें सूचना मिली कि नीली बत्ती लगी एक तेज़ गति से आ रही गाड़ी संदिग्ध है।
पुलिस ने गाड़ी रोकी तो उसमें बैठे व्यक्ति ने आईपीएस की वर्दी पहन रखी थी। पूछताछ और दस्तावेजों की जांच के बाद उसे फर्जी आईपीएस की संज्ञा में गिरफ्तार कर लिया गया। थाना प्रभारी ने कहा कि आरोपित न केवल वर्दी पहनकर घूम रहा था बल्कि उस वर्दी का प्रयोग प्रभाव जमाने, टोल टैक्स से बचने और चेक-पॉइंट्स से गुज़रने के लिये करता था।
बरामद सामान — विस्तृत सूची
पुलिस के अनुसार गाड़ी व उससे मिले सामान में निम्न वस्तुएँ शामिल थीं:
एक कार जिस पर नीली बत्ती लगी थी,
एक एयर रिवॉल्वर,
एक एयर पिस्टल,
दो एयर राइफलें,
138 एयर कारतूस,
दो मोबाइल फोन,
दो लैपटॉप,
एक टैबलेट,
चार विभिन्न फोटो पहचान पत्र जिन पर वर्दी में एक ही व्यक्ति तथा तीन-स्टार का चिन्ह दिखाई दे रहा था।
थाना प्रभारी ने बताया कि पहचान पत्रों पर लगी तस्वीरों में एक ही वर्दी (तीन-स्टार) दिखाई दे रही थी, जो आरोपित के द्वारा पहचान छुपाने और अधिकारियों का झूठा प्रभाव पैदा करने के इरादे की ओर संकेत करती है।
आगे की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने आरोपी व गाड़ी को जब्त कर लिया है और आवश्यक सामग्री को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा गया है। प्रारम्भिक पूछताछ तथा रिकॉर्ड जांच के बाद आरोपित के खिलाफ आवश्यक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी देख रही है कि कहीं आरोपी का कोई accomplice तो नहीं, और वर्दी/पहचान पत्रों के स्रोत का विवरण क्या है।
पुलिस की चेतावनी
अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वाहन की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन नंबर पर दें। फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को भ्रमित करना और संवैधानिक दायित्वों का दुरुपयोग गंभीर अपराध है — पुलिस ने कहा कि इस प्रकार की हर कृत्य की सख्ती से जांच की जाएगी।
यह मुक़दमा स्थानीय पुलिस की सतर्कता और सटीक सूचना के कारण समय रहते पकड़ा गया; मामला आगे विस्तृत जांच के लिए जारी है।