
Delhi Assembly Elections: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। अब तक भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सीधा मुकाबला दिखाई दे रहा था, लेकिन अब भाजपा के सहयोगी दल भी चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस बार चुनाव में उतर सकती हैं। माना जा रहा है कि इस बार पूर्वांचल और बिहारी वोटर्स की बढ़ती चर्चा को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है।
जेडीयू और लोजपा की संभावित रणनीति
खबरों के मुताबिक, जेडीयू दो सीटों पर और लोजपा (रामविलास) एक सीट पर चुनाव लड़ सकती है। जेडीयू की नजर बुराड़ी और संगम विहार विधानसभा सीटों पर है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय अभी बाकी है। जल्द ही इसको लेकर जेडीयू और भाजपा के नेताओं की बैठक हो सकती है।
बुराड़ी में AAP के संजीव झा का दबदबा
बुराड़ी विधानसभा सीट से जेडीयू के चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। यहां 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के संजीव झा ने बड़ी जीत हासिल की थी। उन्हें 1,39,598 वोट मिले थे, जबकि जेडीयू के शैलेंद्र कुमार को 51,440 और एसएचएस के धर्मवीर को 18,044 वोट मिले थे।
पूर्वांचल और बिहारी वोटर्स पर बयानबाजी तेज
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह पूर्वांचल और बिहार के लोगों का अपमान करती है। इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को मैदान में उतारा है।
सम्राट चौधरी ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना काल में केजरीवाल ने बिहारियों को दिल्ली छोड़ने के लिए मजबूर किया था। उन्होंने बिहार के लोगों से अपील की कि वे AAP के “झांसे” में न आएं।
राजनीतिक समीकरणों में नया मोड़
इस बार का दिल्ली चुनाव केवल तीन मुख्य दलों तक सीमित नहीं रहेगा। बीजेपी के सहयोगी दलों के मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। खासकर पूर्वांचल और बिहारी वोटर्स को लेकर सियासी समीकरण नई दिशा में बदल सकते हैं।