Thursday, July 31, 2025
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उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद सियासी हलचल तेज, रामनाथ ठाकुर की मुलाकात से अटकलें तेज, NDA की रणनीति में ‘बिहार फैक्टर’ हावी

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एक ओर जहां अगले उपराष्ट्रपति के नाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है, वहीं दूसरी ओर बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, सत्तारूढ़ एनडीए एक ऐसा उम्मीदवार तलाशने में जुटा है जो सामाजिक समीकरणों को साध सके और राजनीतिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो।

रामनाथ ठाकुर की जेपी नड्डा से मुलाकात ने बढ़ाया राजनीतिक तापमान

बुधवार को दिल्ली स्थित स्वर्ण जयंती अपार्टमेंट में केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता रामनाथ ठाकुर से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात ने अटकलों को और बल दे दिया है। यह मुलाकात भले ही औपचारिक रूप से बिहार के सांसदों के साथ आयोजित एक भोज के बहाने हुई हो, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।

रामनाथ ठाकुर का नाम अब उपराष्ट्रपति पद की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है, खासतौर पर ऐसे वक्त में जब बिहार की राजनीति में पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों की भूमिका निर्णायक होती जा रही है।

NDA की रणनीति में ‘पिछड़ा कार्ड’

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के अगले ही दिन मंगलवार को एनडीए ने संभावित उत्तराधिकारी को लेकर गहन मंथन किया। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन की मंशा है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसे नेता को उम्मीदवार बनाया जाए जो पिछड़े या अति पिछड़े वर्ग से आते हों। यह जातिगत गणित न केवल आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में समीकरणों को मजबूत करेगा, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी लाभ दिला सकता है।

कौन हैं रामनाथ ठाकुर?

रामनाथ ठाकुर वर्तमान में केंद्र सरकार में कृषि राज्य मंत्री हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी विचारक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं, जिन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। रामनाथ नाई समुदाय से आते हैं, जो कि बिहार में अति पिछड़ा वर्ग में शामिल है। वे जेडीयू के राज्यसभा सांसद हैं और संसद के ऊपरी सदन में पार्टी का नेतृत्व भी करते हैं।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत में वे लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे और उनकी सरकार में मंत्री भी रहे। बाद में वे नीतीश कुमार के साथ आ गए और जेडीयू के मजबूत स्तंभ बन गए। नीतीश सरकार में भी उन्होंने मंत्री पद संभाला है।

क्या है एनडीए की चुनावी स्थिति?

वर्तमान में एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 422 सांसद हैं, जो उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए आवश्यक 394 वोटों से कहीं अधिक है। ऐसे में यदि रामनाथ ठाकुर को उम्मीदवार बनाया जाता है, तो उनकी जीत तय मानी जा रही है।

बिहार चुनाव से पहले सियासी संतुलन साधने की कोशिश

उपराष्ट्रपति चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ ही महीने बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि एनडीए ऐसा उम्मीदवार उतारेगा, जो न सिर्फ राष्ट्रीय राजनीति में सशक्त संदेश दे, बल्कि बिहार में भी सामाजिक और जातीय समीकरणों को साधने में मददगार हो। रामनाथ ठाकुर इस समीकरण में पूरी तरह फिट बैठते हैं।


उपराष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ ठाकुर का नाम केवल राजनीतिक पद की दौड़ भर नहीं है, बल्कि यह एनडीए की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है, जिसका उद्देश्य आगामी बिहार चुनाव में सामाजिक संतुलन साधना और राजनीतिक बढ़त हासिल करना है। अब देखना होगा कि बीजेपी नेतृत्व कब और किसके नाम पर अंतिम मुहर लगाता है।

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VIKAS TRIPATHI
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