नई दिल्ली/मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को एक अहम टेलीफोनिक बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर सहमति जताई। इस बातचीत के दौरान पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष से जुड़े हालिया घटनाक्रमों की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को दी। जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर भारत की उस दृढ़ नीति को दोहराया, जिसमें सभी संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान को प्राथमिकता दी जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को इस वर्ष के अंत में प्रस्तावित वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए भारत आमंत्रित भी किया। यह निमंत्रण दोनों देशों के बीच पुराने और विशिष्ट रिश्तों को और आगे ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पीएम मोदी ने X पर साझा की जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस संवाद के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा:
“मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से बहुत अच्छी और लंबी बातचीत हुई। मैंने यूक्रेन पर ताज़ा घटनाक्रम साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया। हमने अपने द्विपक्षीय एजेंडे में हुई प्रगति की समीक्षा की और भारत-रूस विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। मैं इस साल के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत में मेजबानी के लिए उत्सुक हूं।”
Had a very good and detailed conversation with my friend President Putin. I thanked him for sharing the latest developments on Ukraine. We also reviewed the progress in our bilateral agenda, and reaffirmed our commitment to further deepen the India-Russia Special and Privileged…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 8, 2025
डोभाल-पुतिन की अहम मुलाकात बनी पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की इस उच्चस्तरीय वार्ता से ठीक एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने क्रेमलिन में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग को लेकर काफी अहम मानी जा रही है।
इस बैठक में भारतीय राजदूत विनय कुमार भी डोभाल के साथ मौजूद थे, जबकि रूसी पक्ष की ओर से रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई पेत्रुशेव भी उपस्थित रहे। डोभाल ने भारत की ओर से सभी मोर्चों पर रूस के साथ सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
वैश्विक दक्षिण के लिए भारत की कूटनीति सक्रिय
रूस के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा से भी फोन पर बातचीत की थी। दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, रक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा:
“राष्ट्रपति लूला के साथ अच्छी बातचीत हुई। ब्राजील की मेरी यात्रा को यादगार और सार्थक बनाने के लिए उनका धन्यवाद। हम व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, रक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच एक मजबूत, जन-केंद्रित साझेदारी से सभी को लाभ होता है।”
भारत की संतुलित विदेश नीति का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी की यह कूटनीतिक सक्रियता भारत की बहुपक्षीय और संतुलित विदेश नीति का प्रमाण है, जिसमें वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को मजबूत बनाते हुए भारत अपने स्वतंत्र और नैतिक दृष्टिकोण पर कायम रहता है। चाहे यूक्रेन युद्ध हो या वैश्विक दक्षिण का नेतृत्व, भारत अब शांतिदूत, रणनीतिक भागीदार और वैश्विक प्रभावकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है।