
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में SOUL Leadership Conclave का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगर किसी भी ऊंचाई को छूना है तो शुरुआत जन से ही होती है। उन्होंने SOUL (School of Ultimate Leadership) को विकसित भारत की विकास यात्रा में एक बड़ा कदम बताया और कहा कि बेहतरीन नेतृत्व का विकास समय की मांग है।
‘व्यक्ति निर्माण से होता है राष्ट्र निर्माण’
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के युवाओं के लिए भविष्य अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। अगर हमें विकसित भारत बनाना है, तो हमें तेज गति से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोग तैयार करने होंगे जो सिर्फ ट्रेन बनाने वाले नहीं, बल्कि ट्रेंड सेट करने वाले भी हों। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि— खुद को ऐसा बनाएं कि आने वाले समय में आपके योगदान को याद किया जाए।
हर क्षेत्र में श्रेष्ठ नेतृत्व की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 140 करोड़ भारतीय विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में हर क्षेत्र—चाहे वह उद्योग हो, शिक्षा हो, टेक्नोलॉजी हो या डिप्लोमेसी—बेहतर नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुछ आयोजन दिल के बेहद करीब होते हैं और यह कॉन्क्लेव भी ऐसा ही है, क्योंकि यह भविष्य के नेतृत्व निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
डिप्लोमेसी से टेक्नोलॉजी तक भारत की नई लीडरशिप
पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि वे भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराकर एक सशक्त नेतृत्व वाला राष्ट्र बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि विवेकानंद का मानना था कि अगर उनके पास सिर्फ 100 मजबूत लीडर्स हों, तो वे भारत को न केवल आजादी दिला सकते हैं बल्कि इसे दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में जब भारत डिप्लोमेसी से लेकर टेक्नोलॉजी इनोवेशन तक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएगा, तो देश का प्रभाव और तेजी से बढ़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का विजन और भविष्य एक मजबूत नेतृत्व पीढ़ी पर निर्भर है, इसलिए युवाओं को वैश्विक जरूरतों के अनुसार खुद को तैयार करना होगा।