नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सोमवार और मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर व्यापक और गरमागरम बहस देखने को मिली। चर्चा की शुरुआत सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि और उसके बाद की कार्रवाई को विस्तार से रखा। इसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के अनेक सांसदों ने चर्चा में भाग लिया।
मंगलवार को चर्चा और भी तीव्र हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, और अन्य नेताओं ने अपनी बात रखी। विपक्ष की ओर से कई तीखे सवाल उठाए गए, जिनका जवाब सरकार की ओर से विस्तारपूर्वक दिया गया।
विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रमुख 11 सवाल और सरकार के जवाब:
1.पहलगाम का जिम्मेदार कौन?
विपक्ष का सवाल था कि पहलगाम में हमला कैसे हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन है? इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा:“यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हम सत्ता में हैं। लेकिन दुख इस बात का है कि कांग्रेस नेता चिदंबरम सवाल उठाते हैं कि आतंकवादी पाकिस्तान से आए इसके क्या सबूत हैं? क्या वे पाकिस्तान को बचाना चाहते हैं?”
2.पहलगाम में आतंकी कहां से आए?
गृह मंत्री ने कहा कि:“जांच और खुफिया जानकारी के आधार पर स्पष्ट है कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे। सेना और खुफिया एजेंसियों ने सटीक कार्रवाई कर उन्हें समाप्त किया।”
3.पहलगाम हमले के दोषी कहां गए?
शाह ने जवाब में कहा:“हमने 10 प्रमुख आतंकियों की सूची बनाई थी, जिनमें से 8 वे थे जो यूपीए सरकार के दौरान छुपे हुए थे। अब उन्हें ऑपरेशन सिंदूर और महादेव में मार गिराया गया है। सुलेमान, जिबरान और अबू हमजा को सेना ने समाप्त कर दिया।”
4.भारत के कितने विमान गिरे?
राजनाथ सिंह ने कहा:“सवाल होना चाहिए कि भारत ने दुश्मन के कितने ठिकाने तबाह किए। ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह सफल रहा और हमारी सेनाओं ने आतंकियों को उनके गढ़ में जाकर मारा।”
5.आईबी चीफ और गृह मंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
प्रियंका गांधी के इन सवालों पर शाह ने कहा:“हमने हमले के तुरंत बाद कार्रवाई की। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए गए हैं।”
6.पहलगाम में सुरक्षा पहले से क्यों नहीं थी?
शाह ने स्पष्ट किया:“बैसारन घाटी में जून से पहले सुरक्षा बलों की स्थायी तैनाती नहीं होती क्योंकि यात्रा बाद में शुरू होती है। अब वहां पर अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की जा रही है।”
7.कल ही ऑपरेशन महादेव क्यों हुआ?
अखिलेश यादव के इस सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:“लोग लगातार पूछ रहे थे कि पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ। जब मार गिराया तो पूछा गया कि कल ही क्यों? क्या सावन का सोमवार चुना गया? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सेना की बहादुरी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।”
8.ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान क्यों किया?
इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को जवाब दिया:“भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था। पाकिस्तान ने खुद भारत से सीजफायर की गुहार लगाई थी।”
आज पीएम मोदी ने भी स्पष्ट किया कि:
“पाकिस्तान के DGMO ने फोन कर भारत से शांति की मांग की थी, न कि किसी विदेशी नेता ने हस्तक्षेप किया।”
9.पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए?
मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल उठाया कि पीएम सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए। इस पर जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा:“24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस था। पीएम हर साल किसी न किसी राज्य में इस अवसर पर जाते हैं। इस वर्ष उनका कार्यक्रम पहले से तय था।”
10.मौका था तो POK क्यों नहीं लिया?
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को घेरते हुए कहा:“अब आप हमसे पूछ रहे हैं कि पीओके क्यों नहीं लिया? पहले ये जवाब दीजिए कि पाकिस्तान ने पीओके पर कब्जा कैसे किया? 1971 में मौका था, लेकिन आपकी सरकार ने कुछ नहीं किया।”
11.हमले की खुफिया जानकारी क्यों नहीं मिली?
सरकार ने जवाब में बताया कि आतंकियों की मूवमेंट का पता लगते ही कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी को बढ़ाया गया है।
संसद में दो दिनों तक चली चर्चा में सरकार और विपक्ष आमने-सामने रहे, लेकिन सरकार ने हर सवाल का विस्तृत और तथ्यों के साथ जवाब देकर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी दृढ़ता को स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने यह संदेश देने की कोशिश की कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार का रवैया स्पष्ट और कठोर है — और सेना को पूरी आजादी दी गई है।