लाल किले के मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास सोमवार शाम हुए जबरदस्त धमाके ने दिल्ली को हिला दिया। धमाके के तुरंत बाद चीख-पुकार और कोहराम मच गया। जिस i20 कार में ब्लास्ट हुआ था, उसके परखच्चे उड़ गए और आस-पास की कई गाड़ियाँ भी क्षतिग्रस्त हो गईं। हादसे में मौके पर ही 10 लोगों की मौत हुई और 28 से अधिक लोग घायल हुए। जांच एजेंसियों का प्रारम्भिक संकेत है कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि आत्मघाती हमला होने की आशंका है — जिन पर शक जताया जा रहा है उनमें किसी का नाम डॉ. उमर नबी बताया जा रहा है।
जरूरी नोट: जिन जानकारियों का यहां उल्लेख है वे पुलिस/जांच से मिली सूचनाओं पर आधारित हैं; आरोप अभी जांच में हैं और अदालत तक सिद्ध होना बाकी है।
घटनाक्रम — सोमवार की शाम (टाइमलाइन)
दोपहर 3:19 बजे: फरीदाबाद से आई i20 कार लाल किले की पार्किंग में दाखिल हुई।
3:19 बजे से लगभग 6:48 बजे तक: कार पार्किंग में रही (~3.5 घंटे)।
शाम 6:48 बजे: कार पार्किंग से निकली — कार में कथित तौर पर डॉ. उमर सवार थे।
शाम 6:55 बजे: उसी कार में जोरदार धमाका हुआ।
परिणाम: 10 मौतें, 28 से अधिक घायल; मौके पर भारी तबाही और आसपास का इलाका स्तब्ध।
जांच में सामने आए प्रमुख निष्कर्ष (प्रारम्भिक)
विस्फोटक सामग्री की प्रारम्भिक जाँच में अमोनियम नाइट्रेट और डेटोनेटर के उपयोग के संकेत मिले हैं — यह बताता है कि ब्लास्ट की तीव्रता बड़ी और सुनियोजित थी।
सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी जांच की दिशा में नाम डॉ. उमर नबी सामने आया — जांच एजेंसियों का शक है कि उसने आत्मघाती हमला किया हो सकता है; कुछ सीसीटीवी में आरोपी मास्क पहनकर दिखाई दे रहा है।
फरीदाबाद-आधारित कथित आतंक मॉड्यूल के सुराग मिले हैं — कई गिरफ्तारियाँ और छापेमारी इसी कड़ी में की गईं। आरोपी और बरामदगी के सिलसिले में अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी का लिंक दिखाई दे रहा है।
गिरफ्तार और संदिग्ध कनेक्शन (जांच के दावों के आधार पर)
डॉ. अदील — अनंतनाग मूल, सहारनपुर से गिरफ्तारी; उनके लॉकर से AK-47 बरामद।
डॉ. मज्जुमिल शकील — पुलवामा मूल, फरीदाबाद से गिरफ्तार; छापेमारी में दो मकानों से लगभग 3000 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद।
डॉ. शाहीन — कथित रूप से लखनऊ कनेक्शन; फरीदाबाद से गिरफ्तार, कार से AK-47 बरामद। आरोपियों के नाम और संस्थागत लिंक (अल-फलाह यूनिवर्सिटी) मामले की केंद्रीय धुरी बने हुए हैं।
डॉ. उमर नबी — पुलवामा का रहने वाला, अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर; जांच में उसपर VBIED (वाहन बम) विशेषज्ञ होने का शक जताया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय कड़ी का शक
जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि साजिश की योजना पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी संगठनों से जुड़ी हो सकती है। कुछ औपचारिक आरोपों में जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग (जमात उल मोमिनात) और उसके कथित पदाधिकारियों के नाम भी जांच-रह चुके हैं। यह मामले की एक संवेदनशील और जांच-सापेक्ष कड़ी है — इन दावों को अभी सत्यापित किया जा रहा है।
सरकारी प्रतिक्रिया और कार्रवाई
गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई; बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर, IB मुखिया, NIA प्रमुख, गृह सचिव और जम्मू-कश्मीर के DGP व अन्य शामिल रहे। रक्षा मंत्री ने भी दृढ़ रुख जताया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली, फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी और गिरफ्तारी की कार्यवाही जारी है।
क्या हुआ — क्या बचा है
जांच में अनेक पहलू सामने आ चुके हैं — विस्फोटक स्रोत, गिरफ्तार संदिग्ध, और संस्थागत-क्षेत्रीय कड़ियाँ — पर कई महत्वपूर्ण प्रश्न अभी बाकी हैं: साजिश के असली मास्टरमाइंड कौन, विदेशियों या स्थानीय नेटवर्क का विस्तार कितना, और लक्ष्य क्या था — इन सबका अंतिम जवाब जांच और फोरेंसिक रिपोर्टों के बाद मिलेगा।
अंतिम शब्द: घटना की गंभीरता और संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा आयाम के मद्देनज़र जांच-कार्य तीव्र है। मीडिया व सार्वजनिक मंचों पर रिपोर्टिंग करते समय निष्कर्षों पर जल्दबाज़ी से बचें — अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।














