Saturday, December 13, 2025
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पंकज सिंह — संघर्ष, समर्पण और नेतृत्व की अद्भुत यात्रा

युवा राजनीति का उभरता सितारा आज मना रहा है अपना 47वाँ जन्मदिन

नोएडा: 12 दिसंबर 2025 — भारतीय राजनीति में युवा, प्रखर और विजनरी नेतृत्व का प्रतीक बन चुके पंकज सिंह आज अपना 47वाँ जन्मदिन मना रहे हैं।
12 दिसंबर 1978 को झारखंड के पलामू जिले के डाल्टनगंज में जन्मे पंकज सिंह बचपन से ही एक सादगीपूर्ण और अनुशासित वातावरण में पले-बढ़े। उनके पिता, भारत के वरिष्ठ नेता और वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, देश की राजनीति में जिस सादगी, दृढ़ता और पारदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, वही गुण पंकज सिंह ने अपने जीवन में आत्मसात किए।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: जहाँ विचारों की नींव पड़ी

लखनऊ के महानगर बॉयज इंटर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उनमें नेतृत्व की झलक दिखने लगी थी।दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एमिटी बिजनेस स्कूल, नोएडा से एमबीए किया—और यहीं से उनकी सोच में आधुनिक प्रबंधन, सामाजिक सरोकार और राष्ट्रीय विकास का सुंदर संगम दिखाई देने लगा। यही शिक्षा और संस्कार आगे चलकर उनके राजनीतिक निर्णयों और जनता-प्रथम दृष्टिकोण की पहचान बने।

पंकज सिंह — संघर्ष, समर्पण और नेतृत्व की अद्भुत यात्रा


राजनीतिक सफर: संघर्ष और समर्पण से लिखा गया उत्कर्ष का अध्याय

भाजपा में शुरुआती कदम (2001–2007)

राजनीति में आते ही उन्होंने पद से पहले कार्य को प्राथमिकता दी। 2001–2004 के दौरान पंकज सिंह ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई धरना, जनसंपर्क अभियान और संगठनात्मक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाई। 2004 में भाजपा युवा मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी में उनकी नियुक्ति उनके बढ़ते प्रभाव का प्रमाण थी।

2007 में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम चर्चा में आया, लेकिन उन्होंने संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ निभाने के लिए स्वयं पीछे हटकर यह संदेश दिया कि उनके लिए पद नहीं, बल्कि पार्टी का काम महत्वपूर्ण है। उनके पिता राजनाथ सिंह का मार्गदर्शन हमेशा उनके साथ रहा, परंतु पंकज सिंह ने हमेशा अपनी पहचान स्वयं की मेहनत और जनसंपर्क के बल पर बनाई।


उत्तर प्रदेश भाजपा में मजबूत स्तंभ

प्रदेश भाजपा में उनकी भूमिका धीरे-धीरे और व्यापक होती गई—

2010: उत्तर प्रदेश भाजपा के सचिव

2012, 2013, 2016: लगातार तीन बार प्रदेश महासचिव

प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष के रूप में भी सक्रिय भूमिका

उन्होंने शहरों से लेकर गाँवों तक पार्टी संगठन को मजबूत किया।“गांव चलो अभियान” के तहत 100+ गाँवों का दौरा कर उन्होंने ग्रामीण समस्याओं को बहुत करीब से समझा—किसानों, युवाओं, महिलाओं और छोटे व्यापारियों की चुनौतियों को सीधे अनुभव किया। कहा जाता है कि पंकज सिंह केवल भाषण नहीं देते, बल्कि जमीन पर उतरकर सुनते हैं। यही खूबी उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है।

 


विधायी राजनीति में रिकॉर्ड तोड़ जीत

नोएडा: जहाँ जनता ने दिया ऐतिहासिक जनादेश

2017

पहली ही बार नोएडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड मतों से विजयी हुए।
यह जीत केवल भाजपा की लहर नहीं थी, बल्कि स्थानीय स्तर पर उनकी पकड़ और जनविश्वास का प्रतीक थी।

2022

इस चुनाव में उन्होंने उत्तर प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बनाया—1,81,513 मतों की बढ़त! यह अकेला आँकड़ा उनके लोकप्रिय नेतृत्व का सशक्त प्रमाण है।

नोएडा में बुनियादी ढाँचे से लेकर सुरक्षा, स्वच्छता, डिजिटल विकास और सामाजिक कार्यक्रमों तक—पंकज सिंह की कार्यशैली ने क्षेत्र को नई पहचान दी।
नागरिक कहते हैं कि उनकी पहुँच अपनापन लिए होती है—किसी भी समस्या पर वे सीधे संवाद करते हैं।


जनसेवा: नीति नहीं, भावना है उनकी पहचान

एक विधायक के रूप में उन्होंने दर्जनों महत्वपूर्ण मुद्दों को सदन में उठाया—

लिफ्ट एक्ट जैसे नागरिक सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों पर जोर

किसानों के लिए चर्चा-सत्र

युवाओं के लिए रोजगार मार्गदर्शन कार्यक्रम

आवास और बुनियादी ढाँचे से जुड़े जनसरोकार

वे केवल कार्यक्रमों में उपस्थित नहीं रहते, बल्कि लोगों की आवाज़ को मंच देते हैं—यही नेतृत्व की सच्ची कसौटी है।

व्यक्तिगत जीवन: परिवार ही प्रेरणा

पंकज सिंह ने शुष्मा सिंह से विवाह किया और दो बच्चों—एक पुत्र और एक पुत्री—के स्नेही पिता हैं।
राजनीति की व्यस्तताओं के बीच भी परिवार उनके लिए ऊर्जा और संतुलन का स्रोत है।
जो लोग उन्हें करीब से जानते हैं, वे बताते हैं कि वे जितने दृढ़ और कुशल नेता हैं, उतने ही शांत और विनम्र पारिवारिक व्यक्ति भी।

जन्मदिन समारोह: जनता के प्यार का उत्सव

आज 12 दिसंबर को बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, समर्थक और स्थानीय नागरिक उनके आवास पहुंचे—फूलमालाएँ, मिठाइयाँ, शुभकामनाएँ और आत्मीयता से भरी मुलाकातों ने माहौल को उत्सवमय बना दिया। यह दृश्य किसी नेता के लिए सम्मान नहीं, जनता के लिए आशा और विश्वास के उत्सव जैसा था।

एक प्रेरणादायक यात्रा अभी जारी है

एक छोटे शहर से उठकर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाना—
यह कहानी केवल सफलता की नहीं, संघर्ष, समर्पण, मेहनत और जनसेवा की निरंतर साधना की कहानी है।

पंकज सिंह ऐसे नेता हैं जिनकी यात्रा बताती है कि राजनीति केवल सत्ता का मार्ग नहीं,
बल्कि समाज परिवर्तन की जिम्मेदारी है।

पंकज सिंह जी का दृढ़ नारा:

“गलत होने नहीं दूंगा…और सही रुकने नहीं दूंगा!”

यह मात्र एक नारा नहीं, उनकी अविरल प्रतिबद्धता, ईमानदार राजनीति और जनता-प्रथम सोच का सशक्त संदेश है।

आज उनके जन्मदिन के अवसर पर यही शुभकामना—“पर्दाफाश न्यूज” का पूरा परिवार
“कि उनका नेतृत्व उत्तर प्रदेश और भारत दोनों को नई ऊँचाइयों तक ले जाए।”

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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