उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नाम पर लगभग मुहर लग चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य नेता ने नामांकन दाखिल नहीं किया है, ऐसे में उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। पार्टी की ओर से इसका आधिकारिक ऐलान 14 दिसंबर को किया जाएगा।
पीएम मोदी के भरोसेमंद नेताओं में शुमार
पंकज चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी और भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। इसकी झलक 7 जुलाई 2023 को गोरखपुर में आयोजित गीता प्रेस के शताब्दी समारोह के दौरान देखने को मिली थी। कार्यक्रम के बाद बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के पीएम मोदी ने समय निकालकर पंकज चौधरी के घंटाघर स्थित आवास (हरिवंश गली) का दौरा किया था।
खास बात यह रही कि पीएम मोदी का काफिला घर से करीब 200 मीटर पहले रुक गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री पैदल चलकर उनके घर पहुंचे और पूरे परिवार से मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं। यह दौरा पंकज चौधरी की पार्टी में मजबूत हैसियत को दर्शाता है।
ओबीसी समाज में मजबूत पकड़, पूर्वांचल पर फोकस
पूर्वांचल में पंकज चौधरी को ओबीसी समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। अपने समाज में उनकी मजबूत पकड़ रही है, यही वजह है कि संगठन में उन्हें लंबे समय से अहम जिम्मेदारी के योग्य समझा जाता रहा है। प्रदेश संगठन कई मौकों पर उनसे रणनीतिक सलाह भी लेता रहा है। पार्टी नेतृत्व उन्हें पूर्वांचल को साधने की रणनीति का अहम चेहरा मान रहा है।
2027 विधानसभा चुनाव सबसे बड़ी चुनौती
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पंकज चौधरी के सामने 2027 का विधानसभा चुनाव सबसे बड़ा इम्तिहान होगा। उनकी सबसे बड़ी चुनौती उन पूर्वांचल की सीटों पर पार्टी को फिर से मजबूत करना होगी, जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी।
पार्षद से सांसद तक का लंबा राजनीतिक सफर
पंकज चौधरी की राजनीति की शुरुआत गोरखपुर नगर निगम से हुई, जहां वे पार्षद चुने गए। स्थानीय राजनीति में अनुभव लेने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा।
वर्ष 1991 में वे पहली बार महराजगंज लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद बने। इसके बाद 1996 और 1998 में भी उन्होंने जीत दर्ज की।
चुनावी उतार-चढ़ाव और वापसी
वर्ष 1999 में उन्हें समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 2004 में उन्होंने शानदार वापसी की। 2009 में कांग्रेस के स्वर्गीय हर्षवर्धन से हार मिली, लेकिन 2014 से लगातार वे लोकसभा सदस्य बने हुए हैं। उनकी निरंतर चुनावी सफलता ने उन्हें पार्टी के मजबूत और भरोसेमंद नेताओं की सूची में स्थापित किया है।
पत्नी भाग्यश्री चौधरी समाजसेवा में सक्रिय
पंकज चौधरी का विवाह 11 जून 1990 को भाग्यश्री चौधरी से हुआ था। उनकी पत्नी सामाजिक गतिविधियों और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। दंपती को एक बेटा और एक बेटी हैं। फिलहाल परिवार से कोई सक्रिय राजनीति में नहीं है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि भविष्य में भाग्यश्री चौधरी राजनीति में कदम रख सकती हैं।














