
ग्रेटर नोएडा वेस्ट, 21 अप्रैल — ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित एनएक्स वन प्रोजेक्ट के टावर-3 और टावर-4 के ऑफिस ओनर्स ने बिल्डर के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात, अवैध वसूली और धमकी के आरोप लगाते हुए डीसीपी सेंट्रल से कार्रवाई की मांग की है।
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस को लिखित शिकायत सौंपी और FIR दर्ज कर विधिक कार्रवाई करने की मांग की।
क्या हैं आरोप?
एनएक्स वन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेन्द्र तोमर ने बताया कि बिल्डर ने कॉमन एरिया — जिसमें बेसमेंट 1, बेसमेंट 2 और स्टिल एरिया शामिल हैं — को पहले से ही स्वीकृत लेआउट प्लान के तहत पार्किंग व सुविधाओं के लिए एलॉट किया था। इन क्षेत्रों की लागत सभी ओनर्स से बुकिंग के समय वसूल की जा चुकी है। बावजूद इसके, अब बिल्डर उन कॉमन क्षेत्रों को दोबारा किराये पर देने और बेचने की कोशिश कर रहा है, जिससे ओनर्स पर दोहरी आर्थिक हानि हो रही है।

उन्होंने आगे कहा कि बिल्डर ने अपनी सहयोगी संस्था के माध्यम से फंड डायवर्जन किया है, और दोनों कंपनियाँ मिलकर कॉमन एरिया का निजी लाभ के लिए दुरुपयोग कर रही हैं — जो पूरी तरह गैरकानूनी और षड्यंत्रात्मक है।
धमकी और भय का माहौल
ओनर्स ने आरोप लगाया कि बिल्डर द्वारा तैनात किए गए प्राइवेट गार्ड्स और बाउंसर आए दिन उन्हें धमकाते हैं। कहा जाता है कि अगर पार्किंग शुल्क नहीं दिया गया, तो वाहनों को क्षतिग्रस्त किया जाएगा। यह गंभीर आपराधिक कृत्य है और भय फैलाने की मंशा से किया जा रहा है, जो भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय अपराध है।
नेफोमा का बयान
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया कि बिल्डर और ओनर्स के बीच किए गए वैध एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि बेसमेंट 1 और 2 कॉमन एरिया हैं। यदि वह क्षेत्र पहले से कॉमन है और उसके लिए राशि पहले ही ली जा चुकी है, तो उसे दोबारा किराए पर देना या बेचना सीधा धोखाधड़ी (IPC 420) की श्रेणी में आता है।उन्होंने मांग की कि इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाए।