
Jewar Airport Runway नोएडा के लिए सोमवार, 11 दिसंबर 2024, इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला दिन है। ढाई दशकों के इंतजार और प्रयास के बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहली बार विमान की लैंडिंग होने जा रही है। इस ऐतिहासिक ट्रायल के साथ नोएडा के विकास के एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। सुबह 11 बजे से शुरू होने वाले इस ट्रायल के दौरान विमान रनवे पर उतरेगा और कुछ समय बाद टेक-ऑफ करेगा। खास बात यह है कि इस मौके को यादगार बनाने के लिए रनवे को वाटर कैनन से सलामी दी जाएगी।
इतिहास में दर्ज होगा यह दिन
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जिसे आमतौर पर जेवर एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता है, देश के सबसे बड़े और अत्याधुनिक एयरपोर्ट में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2021 को इसकी आधारशिला रखी थी। इसके निर्माण का पहला चरण 1334 हेक्टेयर क्षेत्र में पूरा किया गया है। एयरपोर्ट हर साल 1.2 करोड़ यात्रियों को सेवा देने की क्षमता रखता है और इसके उद्घाटन से नोएडा एवं आसपास के इलाकों में आर्थिक और बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास होने की उम्मीद है।
ट्रायल प्रक्रिया: सुरक्षा और संचालन का परीक्षण
ट्रायल के तहत एयरपोर्ट की सुविधाओं, सुरक्षा और संचालन का गहन परीक्षण किया जाएगा। विमान डेढ़ से दो घंटे तक हवा में रहकर लैंडिंग से पहले सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करेगा। यह ट्रायल नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) के निरीक्षण के तहत होगा। ट्रायल के दौरान प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर DGCA को सौंपा जाएगा।
एयरपोर्ट के वाणिज्यिक संचालन के लिए नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) और DGCA से प्रमाणीकरण की आवश्यकता है। ट्रायल के परिणामों के आधार पर यह प्रमाणीकरण दिया जाएगा। यह प्रक्रिया 15 दिसंबर तक जारी रहेगी।
कोहरे में भी लैंडिंग संभव
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है। रनवे पर CAT-1 और CAT-3 उपकरण लगाए गए हैं, जो कोहरे के दौरान विमान की ऊंचाई और दृश्यता की सटीक जानकारी प्रदान करते हैं। इसके अलावा, इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) भी लगाया गया है, जिससे विमान खराब मौसम में भी सुरक्षित रूप से लैंड कर सके। रनवे की लंबाई 3900 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर है, और इस पर सभी आवश्यक मार्किंग और लाइटिंग का कार्य पूरा हो चुका है।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने का सीधा प्रभाव क्षेत्र की प्रॉपर्टी और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ेगा। एयरपोर्ट के आसपास प्रॉपर्टी की मांग में तेजी देखी जा रही है। इसके अलावा, इस परियोजना से हजारों रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत के साथ यह एयरपोर्ट उत्तर भारत के लिए एक प्रमुख हवाई अड्डा बन जाएगा।
अप्रैल 2025 से वाणिज्यिक उड़ानों की उम्मीद
रिपोर्ट्स के अनुसार, नोएडा एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू होने की संभावना है। यह एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर और उत्तर भारत के यात्रियों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनेगा, जो उन्हें विश्व स्तरीय हवाई सेवाएं प्रदान करेगा।
नोएडा की नई पहचान
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अपनी विशालता और अत्याधुनिक तकनीक के साथ, नोएडा और पूरे उत्तर भारत के लिए गर्व का प्रतीक बनने जा रहा है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगी, बल्कि भारत की वैश्विक पहचान को भी मजबूत करेगी। सोमवार का यह ऐतिहासिक ट्रायल उस उज्ज्वल भविष्य की झलक है, जो यह एयरपोर्ट क्षेत्र के लिए लेकर आएगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट निश्चित रूप से नोएडा और देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।