
गौतम अडानी पर रिश्वत के आरोपों को लेकर बीजेपी के तीखे हमलों के बाद बीजू जनता दल (बीजेडी) ने शुक्रवार को ओडिशा में पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) से जुड़े आरोपों पर सफाई दी। बीजेडी ने स्पष्ट रूप से खारिज किया कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने अडानी समूह से रिश्वत ली है, और यह दावा किया कि ऊर्जा आपूर्ति के लिए हुआ समझौता पूरी तरह सरकारी संस्थानों के बीच था।
बीजेडी ने क्या कहा?
बीजेडी ने कहा कि 2021 में किया गया यह समझौता एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) और ओडिशा सरकार के पीएसयू ग्रिडको के बीच हुआ था। डिप्टी चीफ व्हिप प्रताप केशरी देब द्वारा जारी बयान में कहा गया, “यह समझौता 500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए किया गया था और इसमें किसी भी निजी पार्टी, जिसमें अडानी समूह भी शामिल है, का कोई जुड़ाव नहीं था।”
बीजेडी ने मीडिया में लगाए गए आरोपों को “निराधार और गलत” बताया और जोर देकर कहा कि यह समझौता सिर्फ सरकारी संस्थाओं—सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) और ग्रिडको—के बीच हुआ था।
बीजेपी का आरोप और बीजेडी की प्रतिक्रिया
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि अडानी समूह ने विपक्ष शासित राज्यों को रिश्वत दी थी। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “जिन चार राज्यों का जिक्र अमेरिकी आरोपों में हुआ है, वहां बीजेपी का मुख्यमंत्री नहीं था। छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल सत्ता में थे।”
पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी झूठे आरोप लगाकर पीएम मोदी को अडानी के भ्रष्टाचार से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।”
बीजेडी ने कबूल की सच्चाई
बीजेडी ने बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति के लिए राज्य सरकार 2011 से ही केंद्रीय पीएसयू जैसे SECI और एनटीपीसी से ऊर्जा खरीद रही है। “यह पूरी प्रक्रिया केंद्र सरकार और राज्य सरकार के संस्थानों के बीच हुई थी।”
यह सफाई ऐसे समय में आई है जब अडानी समूह पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सियासी संग्राम तेज हो गया है।