Tuesday, July 1, 2025
Your Dream Technologies
HomeMaharashtraमुंबई BEST बस हादसा: ड्राइवर संजय मोरे की लापरवाही या साजिश?

मुंबई BEST बस हादसा: ड्राइवर संजय मोरे की लापरवाही या साजिश?

Mumbai best bus accident : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के कुर्ला में सोमवार रात हुए बेस्ट (BEST) बस हादसे में अब तक सात लोगों की मौत हुई है. 42 लोगों का इलाज अब भी चल रहा है. बेस्ट प्रशासन ने इस हादसे की जांच के लिए दो समितियां बनाई हैं. वहीं आरोपी ड्राइवर संजय मोरे को गिरफ्तार करने के बाद मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे 21 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी दी है, लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

देश की सबसे अमीर महानगर पालिका (BMC) के अंतर्गत चलने वाली बेस्ट बस (BEST) ने आखिर कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर ऐसे ड्राइवर का चयन क्यों किया, जो पेशेवर ड्राइवर बड़ी गाड़ियों का नहीं था. उसे हैवी गाड़ी चलाने का अनुभव नहीं था. आरोपी मोरे एक दिसंबर से ही बेस्ट में नौकरी पर लगा था. जांच में ये बात भी सामने आई है कि बस में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी. ड्राइवर की लापरवाही से ही यह हादसा हुआ.

30 से 40 गाड़ियों को रौंदते हुए गई बस

हालांकि मामले की जांच की जा रही है. फॉरेंसिक टीम भी बुलाई गई थी. एक्सपर्ट की टीम भी आई थी. प्रत्यक्षदर्शी इस घटना को याद कर सिहर जा रहे हैं. किस तरह से तेज रफ्तार बस 30 से 40 गाड़ियों को ऐसे रौंदते हुए आगे बढ़ी कि एक RCC की दीवार से टकराई और दीवार भी टूट गई. उसके बाद हाहाकार मच गया. लोग सड़कों पर पड़े थे. कोई मर गया था, कोई घायल था और कोई आखिरी सांसें ले रहा था.

21 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया ड्राइवर

वहीं दूसरी तरफ घटना के बाद हजारों की भीड़ आ गई और उसने ड्राइवर को पीटा भी, लेकिन पुलिस ने आरोपी को कस्टडी में ले लिया और उसे आज कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने 21 दिसंबर तक ड्राइवर संजय मोरे की कस्टडी दी है. लोगों का आरोप है कि पूरी तरह से इस घटना के लिए प्रशासनिक लापरवाही ही जिम्मेदार है. सड़क पर स्पीड ब्रेकर तक नहीं हैं. वहीं दूसरी तरफ गाड़ी की जांच करने के लिए आईं RTO अधिकारी पल्लवी का कहना है कि अभी उस बारे में कह पाना मुश्किल है कि घटना कैसे हुई. जांच की जा रही है.

पिकअप स्टेशन पर पापा को बुलाया और दोनों हुए हादसे का शिकार

वहीं पीड़ित परिवारों में मातम पसरा है. 63 साल की फातिमा खुद अस्पताल में काम करती थीं. रोज आठ बजे निकल जाती थीं, लेकिन सोमवार को मेहमान आने की वजह से देर हो गई. घर से जब निकलीं तो हादसे का शिकार हो गईं. वही ग्रेजुएशन कर रही अनम शेख की भी इस हादसे में मौत हो गई. कुर्ला स्टेशन पर ऑटो नहीं मिलने से परेशान अनम ने अपने पिता को स्टेशन पर पिकअप के लिए बुलाया था. बाप-बेटी दोनों दुर्घटना का शिकार हो गए. बेटी की तो मौत हो गई, जबकि बाप अस्पताल में आखिरी सांस ले रहा है. परिजनों का कहना है कि घर की बेटी चली गई. पांच लाख मदद लेकर अब क्या करेंगे?

जब मदद करने पहुंचा पिता और सड़क पर मिली बेटे की लाश

वहीं बाबू राज कश्यप की कहानी तो और दर्दनाक है. उनका 18 साल का बेटा शिवम था, जो बाजार में कुछ खरीदने के लिए गया था, लेकिन वो भी उस दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठा. बाबू राज को घटना के बारे में पता ही नहीं था. वो तो घटना के बाद लोगों की मदद के लिए अपनी दुकान बंद कर पहुंचे थे, लेकिन जब उन्हें सड़क पर बिखरी लाशों में बेटे की लाश होने की जानकारी मिली तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई.

वहीं पुलिस ने कोर्ट को बताया कि ये हत्या है या साजिश… ये पूरी जांच करनी जरूरी है. पुलिस ने कोर्ट में कहा कि हादसे में बस ने कई वाहनों को टक्कर मारी और टक्कर मारते हुए 300 मीटर तक गया. वहीं ड्राइवर को इस बात की जानकारी थी कि यह भीड़-भाड़ वाला इलाका है. बस में यात्री मौजूद थे.

क्या साजिश के तहत ड्राइवर ने चढ़ा दी बस?

पुलिस ने कोर्ट में कहा कि हमें यह जांच करनी है कि बस को लापरवाही से चलाने के पीछे ड्राइवर का कोई मकसद था? हम जांच करना चाहते हैं कि क्या यह कोई साजिश थी? और क्या इसमें कोई और शामिल है? यह भी जांचना चाहते हैं कि क्या वह शराब के नशे में था? क्या बस का इस्तेमाल आरोपी द्वारा हथियार के रूप में किया गया था?

आरोपी का इरादा क्या वारदात करने का था या वह साजिश में शामिल है. उसकी साजिश में और कौन-कौन शामिल था. ड्राइवर ने किसके कहने पर ये सब किया, इसकी जांच अभी करना है. यह जांच करना आवश्यक है कि घटना के समय आरोपी नशीले पदार्थों के प्रभाव में था या नहीं, आरोपी का पिछला रिकॉर्ड भी जांचना है.

ड्राइवर के वकील ने पुलिस कस्टडी में भेजे जाने का किया विरोध

आरोपी बस चालक के वकील ने पुलिस हिरासत का विरोध करते हुए कोर्ट में कहा कि आरोपी की हिरासत की आवश्यकता क्यों है? अगर कोई जानकारी चाहिए तो वह बेस्ट को पत्राचार करके ले सकते हैं. बेस्ट प्रशासन यह बता सकता है कि आरोपी को ट्रेनिंग दी गई है या नहीं. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद मेडिकल जांच के दौरान अगर वह नशे में था तो क्या उसकी जांच में इसकी रिपोर्ट आई? लेकिन कोर्ट ने फिलहाल ड्राइवर संजय मोरे की कस्टडी पुलिस को दे दी है.

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button