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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के छठे चरण में दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई को मतदान होगा। इस मौके पर, दिल्ली के विभिन्न स्थानों जैसे सड़कों, गलियों, मोहल्लों, घरों, मदरसों, मकबरों और निजामुद्दीन औलिया की दरगाह से मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर बीजेपी का समर्थन व्यक्त किया है। उलेमाओं और बुद्धिजीवियों ने भी भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में आवाज उठाई है।
इंद्रेश कुमार का दरगाह दौरा
बुधवार को आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर मतदाता जागरूकता अभियान के तहत दौरा किया। यहां उनका स्वागत दस्तारबंदी के साथ किया गया और प्रधानमंत्री के नारे “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” को दोहराया गया।
इस अवसर पर मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर, कर्नल ताहिर मुस्तफा, नसीब चौधरी, दरगाह के सज्जादे नशीं पीरजादा सलमी निजामी, अध्यक्ष फरीद अहमद निजामी, इंचार्ज पीरजादा अमीन निजामी और मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद भी मौजूद थे।
डर और संशय अनुचित
दरगाह के अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी और संघ को लेकर मुस्लिम समुदाय में जो संशय है, वह सही नहीं है। इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती और पिछले 10 वर्षों में कोई भी योजना मुसलमानों तक भी पहुंची है। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व संघ और बीजेपी से डराने का काम करते हैं, जो गलत है। दरगाह ने भी माना कि मुस्लिम आरक्षण का कोई मतलब नहीं है और यह देश को तोड़ने वाली बात है।
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दरगाहों के लिए कानून की मांग
दरगाह ने मोदी सरकार के समर्थन में कानून बनाने की मांग की, जो दरगाहों और खानकाहों की हिफाजत कर सके। इंद्रेश कुमार ने इस मांग का समर्थन किया और कहा कि नई सरकार से इस पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने दरगाहों से आपसी सहमति बनाने का आग्रह किया क्योंकि सरकार इसमें भूमिका नहीं निभा सकती।
सूफीवाद से कट्टरवाद का समाधान
इंद्रेश कुमार ने कहा कि सूफीवाद ही कट्टरता और हिंसा का समाधान है। उन्होंने कुरान शरीफ के “रब्बुल आलामीन” की बात करते हुए कहा कि अल्लाह ही दुनिया का पालन-पोषण करता है और हिंसा से हिंसा नहीं रोकी जा सकती। दरगाह ने इस पर सहमति जताई और कहा कि अपने दीन और ईमान पर चलना ही इस्लाम का सच्चा पालन है।
मतदाता जागरूकता अभियान
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया और पाया कि मुस्लिम मतदाता इंडिया गठबंधन के वादों की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को अधिक तरजीह दे रहे हैं। मतदाताओं का कहना है कि सरकार की योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है और सभी को योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
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अभियान की नेतृत्व टीम
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की कई टीमें दिल्ली में मतदाता जागरूकता अभियान चला रही हैं। इन टीमों की अगुवाई करने वालों में शाहिद अख्तर, मोहम्मद अफजाल, गिरीश जुयाल, हाजी मोहम्मद साबरीन, मजाहिर खान, शालिनी अली, रेशमा हुसैन, डॉक्टर इमरान चौधरी, डॉक्टर माजिद तालिकोटी, शाहिद सईद, बिलाल उर रहमान, खुर्शीद रजाका, ताहिर मुस्तफा, डॉक्टर नसीब अली, शाकिर हुसैन, डॉक्टर महताब आलम, और केशव पटेल शामिल हैं।
वोट प्रतिशत बीजेपी की तरफ
मतदाता जागरूकता अभियान में मुस्लिम मतदाताओं ने माना कि दिल्ली में कुल 1.47 करोड़ वोटर्स हैं और 2019 के चुनाव में बीजेपी ने मोदी लहर में सभी सात सीटें जीती थीं। मुस्लिम मतदाताओं का कहना है कि बीजेपी के सभी उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस दूसरे और आम आदमी पार्टी तीसरे स्थान पर थी। इस बार भी बीजेपी के खिलाफ गठबंधन की कोई बड़ी चुनौती नहीं दिख रही है/
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दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई को मतदान होगा, 1 जून को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होगा और 4 जून को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे।
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VIKAS TRIPATHI
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