
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कई मतदाताओं ने AAP (आम आदमी पार्टी) और BSP (बहुजन समाज पार्टी) की बजाय NOTA (इनमें से कोई नहीं) को चुना। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, तीन चरणों में संपन्न हुए चुनावों में कुल 63.88% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें से 84,397 मतदाताओं ने NOTA बटन दबाया, जो कुल वोटों का 1.48% है। यह प्रतिशत AAP के 0.52% और BSP के 0.96% वोट शेयर से कहीं अधिक है।
हालांकि, AAP ने जम्मू-कश्मीर में अपना पहला सीट जीत लिया है। मेहराज मलिक, जिन्हें बाद में अरविंद केजरीवाल ने ‘दिन का सितारा’ कहा, ने जम्मू के मुस्लिम बहुल डोडा सीट पर 4,500 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
NOTA का महत्व
ईवीएम पर NOTA विकल्प को 2013 में लाया गया था, जिसका उद्देश्य मतदाताओं को उन सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने का अधिकार देना था। NOTA बटन पर एक काले क्रॉस का निशान होता है।
अन्य पार्टियों का प्रदर्शन
दूसरी पार्टियों की बात करें तो BJP ने 25.64% वोट शेयर हासिल किया, जबकि कांग्रेस को 11.97% वोट मिले। नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) ने 23.43% वोट प्राप्त किए और पीडीपी को 8.87% वोट मिले। अन्य दलों में CPI(M) को 0.59%, JKNPP और JDU को 0.13% वोट मिले। वहीं, शिवसेना (UBT) को 0.05% और समाजवादी पार्टी को 0.14% वोट हासिल हुए।
गठबंधन की जीत
इस चुनाव में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) और कांग्रेस के गठबंधन ने जीत दर्ज की। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं। वहीं, बीजेपी ने 29 सीटों पर जीत हासिल की। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) इस चुनाव में खराब प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 3 सीटें जीत पाई। JKPC, CPI(M) और AAP ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की, जबकि 7 निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी रहे।

VIKAS TRIPATHI
भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए “पर्दाफास न्यूज” चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।