लखनऊ/गाजीपुर। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय अवैध हथियार तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। लखनऊ के इंदिरानगर थाना क्षेत्र स्थित अशोका अपार्टमेंट में छापेमारी कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक गाजीपुर का निवासी है। यह खुलासा राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर सतर्कता का संकेत है, खासकर तब जब ऐसे शांत माने जाने वाले जिलों में भी अब अवैध गतिविधियों का नेटवर्क सक्रिय होता दिखाई दे रहा है।
गिरफ्तार आरोपी:
हर्षित राय उर्फ लकी (23 वर्ष)
निवासी: अशोका अपार्टमेंट, इंदिरानगर, लखनऊ
मूल निवासी: ग्राम कुरौली, थाना दोहरीघाट, जनपद मऊ
सुधांशु राय उर्फ बिट्टू (22 वर्ष)
निवासी: ग्राम सोनवानी, थाना करीमुद्दीनपुर, जनपद गाजीपुर
सुधांशु राय (18 वर्ष)
निवासी: ग्राम गौरीडीह, थाना दोहरीघाट, जनपद मऊ
बरामद सामान:
2 अदद सेमी-ऑटोमेटिक पिस्टल (.32 बोर)
23 अदद जिंदा कारतूस
4 मोबाइल फोन
नगद ₹2,050/-
STF की खुफिया कार्रवाई:
उत्तर प्रदेश STF की प्रयागराज यूनिट को खुफिया इनपुट मिला था कि अवैध हथियारों का गिरोह राजधानी लखनऊ में सक्रिय है। STF के पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह और उपनिरीक्षक तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने योजनाबद्ध तरीके से अशोका अपार्टमेंट में दबिश दी और तीनों तस्करों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
तस्करी का नेटवर्क और तरीका:
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। तस्करों ने बताया कि वे बिहार और मध्य प्रदेश से करीब ₹25,000 में पिस्टल खरीदते हैं और इन्हें उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में ₹40,000 से ₹50,000 में बेचते हैं। अब तक वे कई खेप की तस्करी कर चुके हैं। यह गिरोह सोशल नेटवर्किंग ऐप्स और फर्जी पहचान के जरिए सौदे करता था, ताकि पहचान छुपाई जा सके।
गाजीपुर में नेटवर्क की मौजूदगी से चिंताएं बढ़ीं:
इस नेटवर्क में गाजीपुर के युवक की संलिप्तता ने जिले के प्रशासन को सतर्क कर दिया है। गाजीपुर और मऊ जैसे जिलों में अब STF और पुलिस की संयुक्त टीमें गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई हैं। आशंका है कि हथियारों की ये सप्लाई प्रदेश में चुनावी माहौल या आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए की जा रही थी।
पुलिस की अगली रणनीति:
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ इंदिरानगर थाना, लखनऊ में Arms Act और संगठित अपराध से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। STF अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लिंक तलाश रही है। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां और खुलासे हो सकते हैं।
यह गिरफ्तारी न केवल लखनऊ में हथियार तस्करी के बड़े नेटवर्क को तोड़ने में अहम साबित हुई है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि अब शांत जिलों में भी अवैध गिरोहों की जड़ें मजबूत हो रही हैं, जिनका सफाया प्राथमिकता बनना चाहिए।