Wednesday, July 2, 2025
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जम्मू-कश्मीर: सरकारी बंगलों पर कब्जों के खिलाफ हाईकोर्ट सख्त, कई पूर्व नेताओं ने खाली किए आवास

Jammu and Kashmir Ladakh high court: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय में सरकारी बंगलों पर पूर्व मंत्रियों और विधायकों के कब्जों को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कई बड़े खुलासे हुए। संपदा विभाग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने अपना सरकारी आवास खाली कर दिया है, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल शर्मा का बंगला सील कर दिया गया है।

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद कार्रवाई तेज

पिछले साल 12 नवंबर और 7 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने सरकारी बंगलों पर कब्जों को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। इसके बाद संपदा विभाग ने तेजी से कार्रवाई करते हुए स्थिति रिपोर्ट दाखिल की।

सतपाल शर्मा का बंगला सील

संपदा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, सतपाल शर्मा को 21 नवंबर, 2024 को बेदखली का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही उन्हें 30 दिसंबर, 2024 तक 73,470 रुपये का दंडात्मक किराया जमा करने का नोटिस जारी किया गया। जब आदेश का पालन नहीं हुआ तो 30 दिसंबर को उनका सरकारी बंगला सील कर दिया गया।

अन्य पूर्व नेताओं ने भी खाली किए आवास

  • पूर्व विधायक मोहम्मद अब्बास वानी ने अपना आवास खाली कर दिया और उन्हें 12 दिसंबर, 2024 को 19,586 रुपये का दंडात्मक किराया जमा करने का नोटिस मिला।
  • अब्दुल रहीम राथर ने 20 दिसंबर, 2024 तक 28,211 रुपये का दंडात्मक किराया चुकाने का नोटिस प्राप्त किया।
  • पूर्व भाजपा एमएलसी विबोध गुप्ता ने भी सरकारी आवास खाली कर दिया और उन्हें 13,993 रुपये का किराया जमा करने का निर्देश दिया गया।

हाईकोर्ट ने दिया था सख्त निर्देश

उच्च न्यायालय ने संपदा विभाग के आयुक्त सचिव को निर्देश दिया था कि कविंदर गुप्ता, सतपाल शर्मा, सुरिंदर अंबरदार और जफर इकबाल मन्हास पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें। अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की छूट या बहाना स्वीकार्य नहीं होगा।

अन्य मामलों पर भी कार्रवाई जारी

संपदा विभाग ने बताया कि जफर इकबाल मन्हास और सुरिंदर अंबरदार के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1988 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

अगली सुनवाई की तारीख

हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका को 19 फरवरी, 2025 को सूचीबद्ध किया है। याचिकाकर्ता की ओर से शेख शकील अहमद, राहुल रैना, सुप्रिया चौहान, और एम जुल्करनैन चौधरी वकील के तौर पर पेश हुए, जबकि संपदा विभाग की ओर से वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता एसएस नंदा ने पक्ष रखा।

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