
भारत ने मंगलवार रात पाकिस्तान और PoK (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में एक बड़े सैन्य अभियान का संचालन किया, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम इलाके में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। इस हमले में खासतौर पर पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने पुरुषों को निशाना बनाया और उनके परिवारों के सामने उन्हें मौत के घाट उतार दिया था।
ऑपरेशन सिंदूर का नाम भारतीय परंपरा के एक महत्वपूर्ण प्रतीक “सिंदूर” से लिया गया है, जिसे विवाहित महिलाएं अपनी मांग में लगाती हैं। सिंदूर को महिलाओं के सुहागन होने का प्रतीक माना जाता है। इस अभियान का नाम उन महिलाओं के प्रति श्रद्धांजलि है, जिन्होंने इस हमले में अपने पतियों को खो दिया।
पीड़ित महिलाओं की प्रतिक्रिया:
हमले के बाद, भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा फैल गया और कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही थी। भारतीय सेना ने इस मांग को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन को अंजाम दिया, लेकिन पहलगाम हमले की पीड़ित महिलाएं इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उनकी अपेक्षाएँ इससे कहीं अधिक थीं।
समीर गुहा की पत्नी, सरबरी गुहा ने कहा, “कुछ आतंकवादी शिविरों पर हमले से शांति नहीं आएगी। पाकिस्तान को पूरी तरह से नक्शे से हटा देना ही स्थायी समाधान होगा। जो मैंने खोया है, वह कभी वापस नहीं मिलेगा, लेकिन इस हमले से हमें थोड़ी राहत जरूर मिली है। मैं सरकार का धन्यवाद नहीं कर सकती, लेकिन मैं उम्मीद करती हूं कि पाकिस्तान को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा ताकि ऐसी घटनाएँ फिर से न हो।”
मृतक बितान अधिकारी की पत्नी, सोहिनी अधिकारी ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “जिस तरह से मैंने अपना सिंदूर खो दिया है, किसी और महिला को वैसा नहीं होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि मेरे पति हमें देख रहे होंगे और इस हमले से खुश होंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आभारी हूं। इस ऑपरेशन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अन्य महिलाओं को यह दर्द न सहना पड़े।”
सरकार की प्रतिक्रिया:
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत की कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस बयान के अनुरूप है, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने की बात की गई थी। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा (LET) और जैश-ए-मोहम्मद (JEM) के ठिकाने शामिल थे। विशेष रूप से, मुरीदके (लश्कर का मुख्यालय), बहावलपुर (जैश का केंद्र), सियालकोट (हिजबुल मुजाहिदीन का ठिकाना), और मुजफ्फराबाद (लश्कर के शिविर) पर हमला किया गया।
यह ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा की गई एक बड़ी कार्रवाई थी, जो पाकिस्तान और PoK में आतंकवादियों के खिलाफ की गई, लेकिन पहलगाम हमले की पीड़ित महिलाओं ने इस पर अपनी असंतोष व्यक्त किया। उनका मानना है कि केवल आतंकी शिविरों पर हमला करने से स्थायी शांति संभव नहीं है। उनका आग्रह है कि पाकिस्तान को पूरी तरह से समाप्त किया जाए, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों। इस संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया गया है, लेकिन पीड़ितों की सच्ची संतुष्टि केवल पाकिस्तान के पूरी तरह समाप्त होने पर ही संभव हो सकेगी।

VIKAS TRIPATHI
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