
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अमेरिका में किया संबोधन, संविधान निर्माता के विचारों को बताया वैश्विक धरोहर
नई दिल्ली/न्यूयॉर्क: भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती को एक विचार क्रांति के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक विशेष स्मारक समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें भारत सरकार के केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में दुनिया भर के कई नेताओं और बुद्धिजीवियों ने भाग लेकर डॉ. अंबेडकर के विचारों को वैश्विक मान्यता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अमेरिका में ‘डॉ. आंबेडकर दिवस’ को ‘समानता दिवस’ घोषित करने की कोशिश
कार्यक्रम के दौरान फाउंडेशन फॉर ह्यूमन होराइजन के अध्यक्ष दिलीप म्हास्के ने बताया कि अमेरिका में कई स्थानीय और काउंटी सरकारों के साथ मिलकर 14 अप्रैल को ‘डॉ. अंबेडकर दिवस’ को ‘Equality Day’ (समानता दिवस) घोषित करने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि न्यूयॉर्क सिटी पहले ही 14 अप्रैल को ‘डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर दिवस’ के रूप में मान्यता दे चुका है।
अठावले बोले – डॉ. अंबेडकर का दर्शन वैश्विक मानवता की प्रेरणा
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अपने संबोधन में कहा,
“बाबा साहेब ने न सिर्फ भारत को संविधान दिया, बल्कि मानवाधिकारों, समानता और सामाजिक न्याय का विश्वस्तरीय दृष्टिकोण भी दिया।”
उन्होंने बताया कि कोलंबिया विश्वविद्यालय में आज भी डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित है, जहाँ वे छात्र रहते हुए घंटों पुस्तकालय में अध्ययन करते थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित कर बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है।
“बाबा साहेब सिर्फ संविधान निर्माता नहीं, बल्कि वैश्विक विचारक थे”
कार्यक्रम में उपस्थित न्यूयॉर्क सिटी मेयर ऑफिस के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के डिप्टी कमिश्नर दिलीप चौहान ने कहा:
“डॉ. अंबेडकर सीमाओं से परे एक ऐसे विचारक थे, जिनके आदर्श आज संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर भी प्रासंगिक हैं। वे केवल भारत के संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि हाशिए के समाजों के लिए आशा की किरण और समावेश के प्रतीक थे।”
भारत-अमेरिका में विचारों का सेतु बना अंबेडकर दर्शन
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि डॉ. अंबेडकर का जीवन और दर्शन केवल भारत तक सीमित नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन का रूप ले चुके हैं। अमेरिका जैसे देश में बाबा साहेब को समर्पित दिवस का आयोजन यह दर्शाता है कि समानता, न्याय और मानव गरिमा के उनके विचार आज भी दुनिया को दिशा दे रहे हैं।
संक्षेप में मुख्य बातें:
- न्यूयॉर्क में डॉ. अंबेडकर दिवस का आयोजन, अठावले हुए शामिल
- अमेरिका में “Equality Day” के रूप में घोषित करने की पहल
- पीएम मोदी द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित करने की सराहना
- डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा कोलंबिया यूनिवर्सिटी में स्थापित
- डॉ. अंबेडकर को वैश्विक समावेश और अधिकारों का प्रतीक बताया गया

VIKAS TRIPATHI
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