
नोएडा के एक क्लीनिक में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो गैर कानूनी रूप से अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) का धंधा करता था। पुलिस ने बाकायदा रेड मारकर इस इंटरनेशनल रैकेट का भांडा फोड़ा है। इस रैकेट में डोनर दिल्ली एनसीआर या आसपास के किसी राज्य से नहीं थे, बल्कि बांग्लादेश से बुलाए जाते थे। इस पूरे मामले में एक महिला डॉक्टर की भूमिका भी हैरान करने वाली है। पुलिस ने इस पूरे मामले में चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि बांग्लादेश और दिल्ली-एनसीआर में चल रहे एक ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट के सिलसिले में दिल्ली की एक डॉक्टर सहित कम से कम छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह छापा टिप ऑफ यानी अपनी गुप्त सूचना के आधार पर मारा था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि क्राइम ब्रांच इस मामले पर दो महीने से गोपनीय तरीके से काम कर रही थी। जब मामले की छानबीन की गई तो एक के बाद एक हैरतअंगेज बातें सामने आईं।
पुलिस ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए दानदाता (Organ Donor) और जिन्हें ये लगाए जा रहे थे, वे भी बांग्लादेश से हैं। ये वे लोग थे जिन्हें ऑर्गन की जरूरत थी और जिन्हें सर्जरी के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत लाया गया था। एक महिला डॉक्टर, जो अब दिल्ली के एक साउथ ईस्ट हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन के रूप में काम कर रही है, ने कथित तौर पर 2021 और 2023 के बीच बांग्लादेश के कुछ लोगों की सर्जरी की थी। फिलहाल इस एंगल पर भी जांच चल रही है।
पुलिस का कहना है कि डॉक्टर ने कथित तौर पर नोएडा स्थित एक निजी अस्पताल में सर्जरी की, जहां वह विजिटिंग कंसल्टेंट थी। डॉक्टर के एक सहायक और तीन बांग्लादेशी नागरिकों सहित चार अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है और ये गिरफ्तारियां पिछले दो सप्ताह में हुई हैं।