नई दिल्ली | 12 अगस्त 2025 — दिल्ली स्थित संविधान क्लब ऑफ इंडिया (Constitution Club of India) के बहुप्रतीक्षित गवर्निंग काउंसिल चुनाव में इस बार मुकाबला दिलचस्प और अप्रत्याशित रूप से बीजेपी बनाम बीजेपी हो गया है। क्लब के सबसे ताकतवर पद सचिव (प्रशासन) को लेकर राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान आमने-सामने हैं। दोनों दिग्गज भाजपा नेता इस पद के लिए चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
ढाई दशक में पहली बार चुनावी टक्कर
इस पद के लिए पिछले 25 वर्षों से निर्विरोध चयन की परंपरा रही है, लेकिन इस बार राजनीतिक समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। राजीव प्रताप रूडी साल 2000 से इस पद पर काबिज हैं और इस बार उन्हें चुनौती दी है भाजपा के ही पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने। शुक्रवार को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि के बाद यह तय हो गया कि सचिव (प्रशासन) के लिए वोटिंग होगी — जो कि 12 अगस्त 2025 को संपन्न होगी।
वोटर्स लिस्ट में पीएम मोदी से लेकर सोनिया गांधी तक शामिल
इस चुनाव में करीब 1200 सांसद सदस्य वोट डालेंगे। मतदाता सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, लालकृष्ण आडवाणी सहित अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।
सचिव (प्रशासन) का पद क्लब के फैसलों और संचालन का केंद्रबिंदु होता है, जो इसे अत्यंत महत्वपूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली बनाता है।
संविधान क्लब का इतिहास और संरचना
1947 में संविधान सभा के सदस्यों के सामाजिक और बौद्धिक हितों की रक्षा के उद्देश्य से स्थापित यह संस्था सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत है। केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य ही इसके सदस्य बन सकते हैं। क्लब का संचालन गवर्निंग काउंसिल करती है, जिसका कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।
लोकसभा अध्यक्ष इस संस्था के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
तीन पदों पर निर्विरोध चयन, लेकिन सचिव (प्रशासन) बना केंद्रबिंदु
इस चुनाव में तीन पदों पर निर्विरोध चयन हुआ है:
सचिव (खेल): राजीव शुक्ला
सचिव (संस्कृति): त्रिची सिवा
कोषाध्यक्ष: जीतेंद्र रेड्डी
वहीं, कार्यकारिणी सदस्य (एक्जीक्यूटिव मेम्बर) के 11 पदों के लिए 14 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनके लिए भी 12 अगस्त को ही वोट डाले जाएंगे।
रूडी बनाम बालियान: दो दिग्गज, एक पद
राजीव प्रताप रूडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद, पिछले ढाई दशक से इस पद पर हैं और क्लब के संचालन में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
डॉ. संजीव बालियान, पशुपालन और कृषि मामलों के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट से सांसद रह चुके हैं और भाजपा के ओबीसी चेहरा भी हैं।
दोनों नेताओं ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है और सांसदों से संपर्क साधने में जुटे हैं। माना जा रहा है कि यह मुकाबला क्लब की आंतरिक सत्ता और प्रभाव को लेकर प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है।
राजनीतिक संकेत भी छिपे हैं इस टक्कर में
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुकाबला केवल क्लब तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे भाजपा के आंतरिक शक्ति-संतुलन और पुराने बनाम नए नेतृत्व के संकेत भी मिल सकते हैं। दोनों उम्मीदवारों के पास अलग-अलग राजनीतिक गुटों का समर्थन होने की संभावना जताई जा रही है।
अब नजरें 12 अगस्त पर
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, दिल्ली के सत्ता गलियारों में इस चुनाव को लेकर काफी सरगर्मी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्ता और प्रतिष्ठा की इस लड़ाई में किसे जीत मिलती है — अनुभव और स्थायित्व के प्रतीक राजीव प्रताप रूडी या नई चुनौती के साथ उतरने वाले संजीव बालियान।