गाज़ीपुर, 12 फरवरी – जिले में सोमवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील पाण्डेय ने माउंट लिटेरा जी स्कूल में बच्चों को पेट के कीड़े (कृमि) निकालने की दवा एल्बेंडाज़ोल खिलाकर इस विशेष अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के लगभग 18 लाख बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
संपूर्ण जिले में अभियान चलाया जा रहा
सीएमओ ने जानकारी दी कि यह अभियान आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, पंजीकृत स्कूलों, ईंट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों और घुमंतू परिवारों तक चलाया जा रहा है। इसके अलावा, जो बच्चे किसी कारणवश 12 फरवरी को यह दवा नहीं ले पाएंगे, उन्हें मॉप-अप राउंड के तहत 14 फरवरी को दवा दी जाएगी।
कैसे दी जाएगी दवा?
सीएमओ ने बताया कि एल्बेंडाज़ोल की दवा खाली पेट नहीं खानी चाहिए। उम्र के हिसाब से इसकी खुराक इस प्रकार दी जाएगी:
- 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली
- 2 से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को पूरी गोली
छोटे बच्चों को यह गोली पीसकर दी जाएगी, जबकि बड़े बच्चे इसे चबाकर खा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस दवा को स्वादिष्ट बनाने की कोशिश की गई है, ताकि बच्चे इसे आसानी से खा सकें।
बच्चों के लिए क्यों जरूरी है यह दवा?
सीएमओ ने बताया कि छोटे बच्चे अक्सर गंदगी में खेलते हैं, नंगे पैर घूमते हैं और चीजों को बिना हाथ धोए खा लेते हैं, जिससे उनके पेट में कृमि (कीड़े) विकसित हो जाते हैं। ये कृमि बच्चों के शरीर से पोषण चुरा लेते हैं, जिससे वे शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो सकते हैं। इससे कुपोषण, एनीमिया (खून की कमी) और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एल्बेंडाज़ोल खाने से ये कृमि नष्ट होकर शरीर से बाहर निकल जाते हैं, जिससे बच्चों का विकास बाधित नहीं होता।
दवा के संभावित हल्के प्रभाव
जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि मौजूद होते हैं, उनमें कभी-कभी हल्की चक्कर आना, घबराहट, सिरदर्द, पेट दर्द, दस्त, कमजोरी, मितली या भूख में बदलाव जैसी हल्की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं। लेकिन यह प्रभाव 2 से 4 घंटे में अपने आप ठीक हो जाता है। यदि किसी बच्चे को अधिक परेशानी हो तो अभिभावक आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
अभिभावकों से अपील
सीएमओ डॉ. सुनील पाण्डेय ने सभी अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को कृमि मुक्ति दवा अवश्य खिलवाएं। उन्होंने कहा, “यह दवा न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक विकास में भी सहायक होती है।”
कार्यक्रम में कई अधिकारी रहे मौजूद
इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. एम.के. सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रभुनाथ, अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार और एविडेन्स एक्शन के पंकज कुमार सिंह भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राजेश के. ने की।
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