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गाजीपुर: जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक में उन्होंने विद्युत आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि निजीकरण के विरोध में किसी भी मैंन पावर कर्मी को हड़ताल में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। मेसर्स ग्रिड पावर सिस्टम को 72 उपकेंद्रों पर चालकों, परिचालकों, और लाइनमैन की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही, फॉल्ट की स्थिति में तत्काल कार्रवाई कर विद्युत आपूर्ति को बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने बताया कि मेंटेनेंस कार्यों के लिए मेसर्स मोंटी कार्लो के कर्मचारियों को आपात स्थिति में लगाया जा सकता है। ट्रांसफार्मर वर्कशॉप और विद्युत भंडार केंद्रों को भी निर्देश दिया गया कि आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करें और खराब ट्रांसफार्मरों को तुरंत बदला जाए।
साथ ही, सरकारी आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों को ट्रेनिंग देकर आपातकालीन स्थिति में उपयोग करने की योजना बनाई गई। मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों को पेट्रोल-डीजल का भंडारण करने के निर्देश दिए गए। रेलवे और पेयजल आपूर्ति के लिए भी निर्बाध विद्युत व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार वैश्य, अपर जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार समेत कई अधिकारी और निजी एजेंसियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह कदम विभाग की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए उठाया गया है और इससे विभागीय कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहेंगे।
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