आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को अपनी बहन वाईएस शर्मिला के खिलाफ करोड़ों के शेयरों को लेकर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दायर याचिका को लेकर इसे ‘घर घर की कहानी’ बताते हुए इसे हल्के में लिया।
जगन रेड्डी ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि हर परिवार में ऐसे मुद्दे होते हैं। उन्होंने कहा, “श्री चंद्रबाबू नायडू, मैं आपसे और आप सब से एक बात पूछता हूं। क्या आपके परिवार में कोई समस्या नहीं है? ये सब घर-घर की कहानी है। हर परिवार में ऐसी बातें होती हैं, और आप इन मुद्दों को बेवजह बड़ा बना रहे हैं। इन चीजों को बंद कीजिए।”
रेड्डी ने NCLT में याचिका दायर कर अपनी बहन शर्मिला पर उन्हें और उनकी पत्नी भारती द्वारा धारित सारस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज के शेयरों को अवैध रूप से ट्रांसफर करने का आरोप लगाया। इन शेयरों को शर्मिला और उनकी मां विजयम्मा के नाम पर स्थानांतरित किया गया था।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू राज्य में डायरिया से हुई मौतों से ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “कम से कम अब तो ध्यान भटकाने की राजनीति बंद कीजिए। लोगों से माफी मांगिए और उन्हें सच बताइए। लोगों की मदद करने के लिए कदम उठाइए,” PTI के अनुसार उन्होंने कहा।
जगन रेड्डी ने कहा कि वह प्रार्थना कर रहे हैं कि राज्य में नायडू की सरकार को कुछ समझ आए। उन्होंने आरोप लगाया कि नायडू और कुछ मीडिया हाउस हर कदम पर ध्यान भटकाने की राजनीति कर रहे हैं। रेड्डी ने आरोप लगाया कि सरकार ने जिले में डायरिया की अनदेखी की, जिसके कारण 14 मौतें हुईं।
नायडू ने जगन रेड्डी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी बहन शर्मिला से संपत्ति के शेयर इसलिए मांगे क्योंकि उन्होंने उनके खिलाफ बयान दिया था। नायडू ने कहा, “जो अपनी बहन और मां को संपत्ति देने के लिए शर्तें रखता है, वह लोगों की सेवा के लिए कैसी शर्तें रखेगा? क्या हमें ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो यह कहकर NCLT में मामला दायर करता है कि मैं इसलिए संपत्ति वापस ले रहा हूं क्योंकि तुमने मेरे खिलाफ बोला?”
जगन रेड्डी ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने अपनी बहन शर्मिला के साथ “प्रेम और स्नेह” के चलते एक समझौता ज्ञापन (MoU) किया था। हालांकि, उनकी बहन की उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों और कार्यों के कारण अब उनके बीच “कोई प्रेम नहीं बचा है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने MoU और गिफ्ट डीड के तहत शेयरों/संपत्तियों के हस्तांतरण की अपनी मंशा को आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया है।
VIKAS TRIPATHI
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