
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और हंगरी मूल के अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस के बीच संबंधों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का दावा है कि जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन ने भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्षी दलों के साथ साजिश रची है।
BJP का दावा: सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस के बीच गहरा कनेक्शन
भाजपा ने कहा कि सोनिया गांधी फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक (FDL-AP) फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष रही हैं। यह फाउंडेशन जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित है, जिसने कश्मीर को एक स्वतंत्र राष्ट्र मानने के विचार का समर्थन किया है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप का स्पष्ट उदाहरण है।
पार्टी ने दावा किया कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में राजीव गांधी फाउंडेशन और सोरोस फाउंडेशन के बीच साझेदारी हुई थी, जिससे भारतीय संगठनों पर विदेशी प्रभाव बढ़ा।
OCCRP और विपक्ष की सांठगांठ का आरोप
BJP सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) और जॉर्ज सोरोस ने विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर भारत को अस्थिर करने और मोदी सरकार की छवि खराब करने का प्रयास किया। दुबे ने कहा कि OCCRP ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का सीधा प्रसारण किया, जिसमें अदाणी समूह को निशाना बनाया गया था।
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी OCCRP की रिपोर्ट्स को अपनी आलोचनाओं का आधार बना रहे हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और विदेशी ताकतों से जुड़े विपक्षी नेताओं के संबंधों को उजागर करता है।”
लोकसभा में राहुल गांधी से पूछे जाएंगे 10 सवाल
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि वह संसद में राहुल गांधी से इस मुद्दे पर 10 तीखे सवाल पूछेंगे। दुबे ने कहा, “मैं लोकसभा में नियम 357 के तहत अपने सवाल पूछने का अधिकार रखता हूं। विपक्ष मेरी आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मैं उन्हें जवाब देने के लिए मजबूर करूंगा।”
अमेरिकी दूतावास ने BJP के आरोपों को किया खारिज
अमेरिकी दूतावास ने BJP के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि अमेरिकी सरकार पत्रकारिता को बढ़ावा देने वाले स्वतंत्र संगठनों के साथ काम करती है। उन्होंने कहा, “अमेरिका इन संगठनों के संपादकीय निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करता।”
क्या है OCCRP?
OCCRP एक मीडिया संगठन है, जिसका मुख्यालय एम्स्टर्डम में है। यह मुख्य रूप से अपराध और भ्रष्टाचार से संबंधित खबरें प्रकाशित करता है। हाल ही में अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी समूह पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया था।
अदाणी समूह का पलटवार
अदाणी समूह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और इसे बेबुनियाद बताया। वहीं, कांग्रेस ने इन आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग की है।
BJP का निशाना और कांग्रेस की सफाई
BJP का आरोप है कि जॉर्ज सोरोस और उनकी संस्थाओं के जरिए कांग्रेस विदेशी ताकतों के हाथों में खेल रही है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि राहुल गांधी OCCRP और सोरोस के फंडिंग से जुड़ी रिपोर्ट्स का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?
वहीं, कांग्रेस ने BJP पर अदाणी समूह को बचाने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि भाजपा वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के झूठे आरोप लगा रही है।
क्या यह मामला बनेगा चुनावी मुद्दा?
BJP और कांग्रेस के बीच जारी इस घमासान ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। संसद सत्र के दौरान BJP के इन सवालों और कांग्रेस की सफाई पर सबकी नजरें टिकी हैं। वहीं, अमेरिकी संस्थाओं और OCCRP से जुड़े आरोपों ने इस बहस को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चर्चा का विषय बना दिया है।