
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकजोन 4 में स्थित छोटी मिल्क गाँव अब एक समस्याग्रस्त क्षेत्र के रूप में उभर रहा है, जहाँ गंदगी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को नए एसीओ सुनील कुमार सिंह से मिलकर हमने इस समस्या पर चर्चा की, और उनके नेतृत्व में ओएसडी इन्दु प्रकाश से लगातार संपर्क में रहे। प्राधिकरण द्वारा ग्राउंड स्तर पर समस्या को समझने के लिए टीम भेजी गई, जिसमें स्वास्थ्य और सिविल टीम शामिल थी।
ओएसडी इन्दु प्रकाश ने निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की और अपनी टीम को निर्देश दिए:
- छोटी मिल्क गाँव में खाली पड़ी ज़मीन पर गंदे पानी को पंप के माध्यम से निकालना, ताकि मच्छरों की उत्पत्ति न हो और भराव से बदबू न फैले।
- खाली पड़े हुए गड्ढे को भरना।
- सरप्लस मिट्टी से गड्ढों को भरना और पौधे लगवाना।
- खाली ज़मीन पर बैरिकेडिंग कराना।
- गाय और गोबर वाले स्थानों पर खाली जगह सुनिश्चित करना, क्योंकि गाय को खुले में छोड़ने से सड़क हादसों का खतरा बढ़ता है। इस मुद्दे पर गाय गौशाला में भेजी गई हैं।
- गाँव में घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करने के लिए टेंडर निकाला गया है।
- भविष्य में कैमरा इंस्टॉलेशन कराया जाएगा, ताकि कूड़ा फेंकने वालों पर कार्रवाई की जा सके।

गौतम बुद्ध नगर विकास समिति की अध्यक्ष रश्मि पांडेय ने बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की टीम इस मुद्दे पर जागरूक रहेगी, ताकि गन्दगी और कूड़े से महामारी का खतरा न बढ़े। इस क्षेत्र में लगभग 15-20 हजार निवासी हैं, जिनमें सोसाइटी और गाँव समेत हैं, जो इस समस्या को लेकर प्राधिकरण को निरंतर पत्र भेज रहे हैं।
इस दौरान प्राधिकरण के साथ विजिट करने पर किश्लय कृष्णवंशी, लाल मोहन, के नाथ, असीम राज, और अन्य सोसाइटी के निवासी भी मौजूद थे।