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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और इस बार कई बड़े दिग्गज नेता हार का सामना कर चुके हैं। मोदी सरकार के कई मंत्रियों से लेकर कांग्रेस और अन्य पार्टियों के प्रमुख नेता चुनाव में पराजित हुए हैं। लेकिन इस चुनाव में कुछ ऐसे निर्दलीय उम्मीदवार भी रहे हैं जिन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की है।
इन निर्दलीय चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों में खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह, कश्मीरी नेता इंजीनियर राशिद, और इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह का बेटा सरबजीत सिंह खालसा शामिल हैं।
गौरतलब है कि इन तीनों में से दो उम्मीदवार जेल में बंद हैं और उन पर यूएपीए जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। सतही तौर पर इन तीनों की जीत देश में लोकतंत्र की मजबूत जड़ों का प्रतीक है, लेकिन गंभीरता से देखें तो इनकी जीत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकती है।
पहली तस्वीर
यह अब्दुल रशीद है, जिस पर पाकिस्तानी आतंकियों को हथियार सप्लाई करने का आरोप है। वह आतंकी अफ़ज़ल गुरु और मकबूल बट्ट के लिए श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित कर चुका है। कई बार हिंदुओं के लिए बीफ पार्टी का आयोजन करने का आरोप भी है। वर्तमान में यह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है और कश्मीर के बारामुला से 2 लाख से अधिक मतों से लोकसभा चुनाव जीत चुका है।
दूसरी तस्वीर
यह अमृतपाल सिंह है, जो खालिस्तानी आतंकी है। इसे बड़ी मुश्किल से एजेंसियों ने पकड़ा था और वर्तमान में यह असम की जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। यह पंजाब की खडूर साहिब सीट से सांसद चुना गया है।
तीसरी तस्वीर
यह सरबजीत सिंह खालसा है, जिसके पिता बेअंत सिंह ने इंदिरा गांधी की हत्या की थी। सरबजीत सिंह खालसा खुले आम अलग खालिस्तान का समर्थन करता है और आज भी अलग खालिस्तान की मांग करता है। यह पंजाब के फरीदकोट से सांसद चुने गए हैं।
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VIKAS TRIPATHI
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