
वाराणसी: 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद, योगी सरकार के एक मंत्री ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के कारणों को स्पष्ट किया है। उन्होंने मुख्य कारणों की बात की
- महंगाई और बेरोजगारी:
- राज्य में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने आम जनता को निराश किया। विशेष रूप से निम्न मध्यमवर्गीय और युवा मतदाताओं में नाराजगी थी, जो पहले बीजेपी के पक्ष में थे।
- स्थानीय नेताओं की उपेक्षा:
- चुनाव के दौरान स्थानीय नेताओं की जगह बाहरी नेताओं को प्राथमिकता दी गई, जिससे स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ा। विशेष रूप से गुजरात से आए नेताओं को अधिक तवज्जो मिलने से स्थानीय कार्यकर्ता नाराज हो गए और उनकी सक्रियता कम हो गई।
- संविधान और आरक्षण के मुद्दे:
- बीजेपी सरकार द्वारा संविधान में संभावित बदलाव और आरक्षण खत्म करने की अटकलों ने पिछड़े और दलित मतदाताओं के बीच चिंता पैदा की। इसका परिणाम यह हुआ कि ये मतदाता बीजेपी से दूर हो गए और विपक्षी दलों की ओर रुख किया।
- संविधान और आरक्षण के मुद्दे:
- संविधान और आरक्षण पर विपक्ष के आरोपों का बीजेपी सही तरीके से जवाब नहीं दे पाई। इससे पिछड़े और दलित मतदाताओं के बीच नाराजगी बढ़ी, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा।
- उम्मीदवारों के खिलाफ नाराजगी:
- कुछ उम्मीदवारों के खिलाफ स्थानीय स्तर पर नाराजगी थी, जिसका आकलन पार्टी नहीं कर सकी। इसका असर चुनाव परिणामों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।
- नेताओं के बयान और हार:
- ओमप्रकाश राजभर और संजय निषाद के बयानों ने भी नुकसान पहुंचाया। उनके बेटे चुनाव हार गए, जो पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर और संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद ने क्रमशः घोषी और संतकबीरनगर से चुनाव लड़ा और हार गए।
मंत्री ने यह भी कहा कि इन चुनौतियों का सामना करने और मतदाताओं का विश्वास वापस जीतने के लिए पार्टी को जमीनी स्तर पर मेहनत करनी होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि पार्टी को अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को बेहतर तरीके से प्रचारित करना होगा और जनता से सीधे संवाद स्थापित करना होगा।
10 सालों में यूपी में बीजेपी का सबसे खराब प्रदर्शन
चुनाव आयोग के अनुसार, यूपी में बीजेपी 33 सीटों पर ही जीत सकी, जबकि सपा ने 37 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने 6 और आरएलडी ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की। पिछले 10 सालों में बीजेपी का यह सबसे खराब प्रदर्शन है। 2014 और 2019 के चुनावों में बीजेपी ने 60 से ज्यादा सीटें हासिल की थीं, लेकिन इस बार मिशन 80 के लक्ष्य को पाने में वह नाकाम रही और आधी सीटें भी नहीं जीत पाई।

कई केंद्रीय मंत्री हारे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से जीतने में कामयाब रहे, लेकिन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे चुनाव हार गए। उत्तर प्रदेश से 11 केंद्रीय मंत्री चुनावी मैदान में थे, जिनमें से सिर्फ कुछ ही जीत सके। जीतने वाले केंद्रीय मंत्रियों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, कानून एवं न्याय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, और उपभोक्ता मामले एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल शामिल हैं। हारने वालों में स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडे, संजीव कुमार बालियान, साध्वी निरंजन ज्योति पटेल, भानु प्रताप सिंह वर्मा, कौशल किशोर और अजय मिश्रा शामिल हैं।
बीजेपी को अब इन कारणों पर ध्यान देना होगा और रणनीतियों में सुधार करना होगा ताकि भविष्य के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।

VIKAS TRIPATHI
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