
नई दिल्ली/जम्मू — जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर सुर्खियों में हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने किरू जलविद्युत परियोजना में 2200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर मलिक और पांच अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला उस वक्त और गरमा गया जब चार्जशीट दाखिल होने के बाद सत्यपाल मलिक की अस्पताल से गंभीर हालत में तस्वीर सामने आई।
CBI का शिकंजा, अस्पताल में भर्ती मलिक
CBI द्वारा चार्जशीट दाखिल होने के तुरंत बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर सत्यपाल मलिक की अस्पताल से तस्वीर वायरल हुई। पोस्ट में लिखा गया:
“मेरे कई शुभचिंतकों के फोन आ रहे हैं, पर मैं उन्हें उठा पाने की स्थिति में नहीं हूं। मेरी तबीयत बहुत खराब है और मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। मैं 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हूं। संक्रमण की शिकायत के बाद हालत गंभीर हो गई है और पिछले तीन दिनों से डायलिसिस की जा रही है।”
क्या है 2200 करोड़ का यह मामला?
यह कथित घोटाला जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चल रही किरू जलविद्युत परियोजना से जुड़ा हुआ है। इस परियोजना को Chenab Valley Power Projects Pvt. Ltd. (CVPPPL) द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। CBI की जांच में सामने आया कि सिविल वर्क्स के ठेकों के आवंटन में भारी अनियमितताएं हुईं।
CBI के अनुसार, CVPPPL की बोर्ड बैठक में तय किया गया था कि टेंडर प्रक्रिया ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन के जरिए दोबारा कराई जाएगी। लेकिन इस निर्णय को दरकिनार करते हुए ठेका सीधे पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को दे दिया गया। यही नहीं, CBI का कहना है कि यह निर्णय नियमों और प्रक्रिया के विपरीत था।
रिश्वत की पेशकश के गंभीर आरोप
गौरतलब है कि इस मामले की शुरुआत भी खुद सत्यपाल मलिक की शिकायतों से हुई थी। जब वे 2018 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, उन्होंने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंज़ूरी देने के बदले 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। इन दो मामलों में से एक किरू परियोजना से संबंधित था।
CBI की छापेमारी और मलिक का बयान
CBI ने 2024 में दिल्ली और जम्मू के 8 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें सत्यपाल मलिक के आवास की भी तलाशी ली गई थी। इसके बाद मलिक ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था:
“जिन पर मैंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, उनकी जांच करने के बजाय CBI मुझे ही निशाना बना रही है। मेरे पास 4-5 कुर्ते और पायजामे के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। तानाशाही सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके मुझे डराना चाहती है। मैं किसान का बेटा हूं, न डरूंगा और न झुकूंगा।”
चार्जशीट में कौन-कौन शामिल?
CBI ने अपनी चार्जशीट में छह नामों को शामिल किया है:
- सत्यपाल मलिक (पूर्व राज्यपाल)
- नवीन कुमार चौधरी (CVPPPL के तत्कालीन अध्यक्ष)
- एम एस बाबू
- एम के मित्तल
- अरुण कुमार मिश्रा
- पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड
FIR में आरोप है कि 47वीं बोर्ड बैठक में पारित प्रस्ताव के बावजूद ठेका गलत तरीके से पटेल इंजीनियरिंग को सौंपा गया, जिससे सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हुआ।
निष्कर्ष:
CBI की चार्जशीट के बाद यह मामला और गंभीर होता जा रहा है। सत्यपाल मलिक की स्वास्थ्य स्थिति, भ्रष्टाचार के आरोपों और सरकार पर उनके तीखे हमलों ने इसे राजनीतिक रंग भी दे दिया है। आने वाले समय में यह मामला देश की राजनीति और नौकरशाही पर गहरा असर डाल सकता है।