
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के बाद सरकार का गठन हो चुका है। रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल ली है। इसके साथ ही गुरुवार को दिल्ली प्रशासन में बड़ा फेरबदल किया गया, जिसमें कई IAS अधिकारियों के तबादले और नई नियुक्तियां की गई हैं।
LG वीके सक्सेना ने किया बड़ा प्रशासनिक बदलाव
दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने नई सरकार के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में बड़े बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय और अन्य प्रमुख विभागों में IAS अधिकारियों की जिम्मेदारियां बदली गई हैं।
मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्तियां और तबादले:
- IAS मधु रानी तेवतिया को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सचिव नियुक्त किया गया।
- IAS संदीप कुमार सिंह और IAS रवि झा को मुख्यमंत्री का विशेष सचिव बनाया गया।
- IAS अजीमुल हक को दिल्ली वक्फ बोर्ड का CEO नियुक्त किया गया।
- IAS सचिन राणा को अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया, साथ ही वे दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य (प्रशासन) का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे।

IAS अधिकारियों के अहम तबादले:
- अजीमुल हक (IAS, 2007) – अब वे दिल्ली वक्फ बोर्ड के CEO के पद पर पूर्ण रूप से कार्यभार संभालेंगे।
- डॉ. मधु रानी तेवतिया (IAS, 2008) – मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सचिव नियुक्त।
- संदीप कुमार सिंह (IAS, 2011) – मुख्यमंत्री के विशेष सचिव बनाए गए।
- रवि झा (IAS, 2011) – आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) से हटाकर मुख्यमंत्री के विशेष सचिव की जिम्मेदारी दी गई।
- सचिन राणा (IAS, 2014) – अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Additional Chief Electoral Officer) के पद पर बने रहेंगे, साथ ही दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य (प्रशासन) का भी अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगे।
रेखा गुप्ता का AAP पर हमला, भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान
मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (AAP) और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि AAP सरकार के भ्रष्टाचार का पूरा हिसाब लिया जाएगा।
विधानसभा में कैग (CAG) रिपोर्ट पेश होने के बाद बड़ा हंगामा हुआ, जिसमें AAP सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। हंगामे के बाद AAP विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया।
क्या दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ आएगा?
BJP की सरकार बनने के बाद दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव दिख रहा है। क्या रेखा गुप्ता की सरकार के फैसले दिल्ली के राजनीतिक समीकरण बदलेंगे? सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।