
नई दिल्ली।
नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अहम कदम उठाते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी समेत सात लोगों और संस्थाओं के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट पर संज्ञान लेने की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
ईडी की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट में जिन नामों का उल्लेख है, उनमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, वरिष्ठ पत्रकार सुमन दुबे, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, यंग इंडिया लिमिटेड, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और कारोबारी सुनील भंडारी शामिल हैं।
क्या है मामला और कब शुरू हुई जांच?
यह मामला 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर शुरू हुआ था। आरोप है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को एक आपराधिक साजिश के तहत अवैध रूप से हथियाया गया।
चार्जशीट के अनुसार, एजेएल के 99% शेयर केवल 50 लाख रुपये में यंग इंडिया लिमिटेड को ट्रांसफर किए गए, जबकि यंग इंडिया में सोनिया और राहुल गांधी की संयुक्त हिस्सेदारी 76% थी। शेष 24% शेयर कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास थे। कांग्रेस की शीर्ष इकाई एआईसीसी ने एजेएल को 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जिसे बाद में यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिया गया।
ईडी का दावा है कि यंग इंडिया, जो एक Section 25 गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत थी, ने कोई सामाजिक कार्य नहीं किया, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए संपत्ति हस्तांतरित की।
2023 में ईडी की बड़ी कार्रवाई
शिकायत के दस साल बाद, 20 नवंबर 2023 को ईडी ने एजेएल की 752 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की। इससे पहले, 2017 में इनकम टैक्स विभाग की जांच में भी पाया गया था कि यंग इंडिया ने 414 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी की।
कांग्रेस का पलटवार: ‘यह इतिहास पर हमला है’
ईडी की चार्जशीट को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ और ‘विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश’ बताया है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा,
“देश की सेवा में समर्पित परिवार के खिलाफ राजनीतिक द्वेष की यह कार्रवाई बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा बार-बार एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को कुचलना चाहती है।”
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बुधवार को पूरे देश में ईडी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा,
“यह कार्रवाई सिर्फ सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उसके प्रतीकों पर हमला है। नेशनल हेराल्ड सिर्फ एक अखबार नहीं, एक आंदोलन था, जिसे कुचलने की साजिश की जा रही है।”
राजनीतिक सन्देश और रणनीति
कांग्रेस का दावा है कि यह मामला केंद्र सरकार की “ध्यान भटकाने की राजनीति” का हिस्सा है। पार्टी का कहना है कि भाजपा वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए विपक्ष को निशाना बना रही है।
पार्टी का यह भी कहना है कि ये कार्रवाइयाँ मोदी सरकार की ‘हताशा’ और ‘तानाशाही प्रवृत्ति’ को दर्शाती हैं, जिसे लोकतांत्रिक विरोध और विचारों से डर है।
नेशनल हेराल्ड केस अब एक बार फिर राजनीतिक तापमान बढ़ा रहा है। जहां ईडी इसे एक गंभीर आर्थिक अपराध का मामला मानती है, वहीं कांग्रेस इसे “लोकतंत्र और इतिहास पर हमला” बता रही है। आगामी दिनों में यह मामला सिर्फ कोर्ट में नहीं, सड़कों और संसद तक गूंज सकता है।

VIKAS TRIPATHI
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