प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह झारखंड और पश्चिम बंगाल में अवैध कोयला खनन और तस्करी से जुड़े नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 40 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) से जुड़े मामलों की पड़ताल के तहत की गई, जिनमें सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल हैं।
झारखंड में 18 ठिकानों पर ED की दबिश
रांची स्थित ED टीम ने राज्य के 18 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। यह कदम उन मामलों की जांच के तहत उठाया गया है जिनमें बड़े पैमाने पर कोयला चोरी, अवैध खनन और तस्करी के आरोप सामने आए हैं।
जिन मामलों में छापेमारी की गई है, उन पर अनिल गोयल, संजय उद्योग, एल.बी. सिंह और अमर मंडल जैसे नाम जुड़े हुए हैं। प्रारंभिक जांच में इस नेटवर्क द्वारा सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाए जाने की बात सामने आई है।
पश्चिम बंगाल में 24 स्थानों पर छापेमारी
ED की दूसरी टीम ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता जिलों में कुल 24 ठिकानों पर कार्रवाई की। यहां जिन लोगों के परिसरों पर छापे मारे गए, उनमें नरेंद्र खड़का, अनिल गोयल, युधिष्ठिर घोष, कृष्ण मुरारी कायल सहित कई अन्य कारोबारी और सहयोगी शामिल हैं। इन स्थानों पर अवैध खनन, गैर-कानूनी परिवहन और अवैध भंडारण से जुड़े दस्तावेज़, डिजिटल डेटा और आर्थिक लेन-देन से जुड़े सुबूत जुटाए जा रहे हैं।
माफिया नेटवर्क पर बड़ी चोट
ED की यह समन्वित कार्रवाई कोयला माफिया के व्यापक नेटवर्क पर बड़ी चोट मानी जा रही है। एजेंसी का कहना है कि आने वाले दिनों में जांच और आगे बढ़ेगी तथा इस रैकेट से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि कोयला व्यापार में अनियमितता, तस्करी, और राजनीतिक/प्रशासनिक संरक्षण के आरोप पिछले कई वर्षों से सामने आते रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
ED अब बरामद दस्तावेज़ों, डिजिटल डिवाइस, बैंक स्टेटमेंट और संपत्ति संबंधी रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
जांच एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में कई और समन और संभवतः गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।














