रायपुर — मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के टाटीबंध स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मध्य भारत के शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों के पहले रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम “देव हस्त” का औपचारिक शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रणाली प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी और मरीजों को अत्याधुनिक, सुरक्षित तथा सटीक उपचार उपलब्ध कराएगी।
आधुनिक चिकित्सा का नया आयाम
मुख्यमंत्री साय ने उद्घाटन के अवसर पर कहा, “डॉक्टर धरती पर ईश्वर के रूप होते हैं — वे जीवन देते हैं। ‘देव हस्त’ नाम इसी श्रद्धा और सेवा भाव से प्रेरित है।” उन्होंने बताया कि रोबोटिक सर्जरी न केवल छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए, बल्कि एम्स रायपुर में भर्ती होने वाले अन्य राज्यों के मरीजों के लिये भी फायदेमंद होगी।
एम्स रायपुर में स्थापित यह रोबोटिक सिस्टम जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं में शल्य-क्षेत्र तक बेहतर पहुँच, न्यूनतम इनवेसिव ऑपरेशन और शीघ्र रिकवरी जैसे लाभ प्रदान करेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि इससे मरीजों पर रोग-उपचार का बोझ कम होने के साथ सर्जिकल गुणवत्ता में भी वृद्धि होगी।
परिजनों के रहने हेतु सर्व-सुविधायुक्त निवास की घोषणा
मुख्यमंत्री ने एम्स रायपुर में दूर-दराज से आने वाले मरीजों के परिजनों के ठहरने की सुविधा के लिये सर्व-सुविधायुक्त परिजन निवास निर्माण की भी घोषणा की। साय ने कहा कि परिजनों की सहज रुकावट और सुविधा से उपचार की प्रक्रिया सरल होगी तथा मरीज़ों व उनके परिवारों का बोझ घटेगा।
उन्होंने याद दिलाया कि एम्स रायपुर के निर्माण के समय वे सांसद थे और तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से प्रदेश में एम्स की शाखा स्थापित कराने का आग्रह किया था — आज वह संकल्प साकार होता देख खुशी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्यों में एम्स की स्वीकृति मिलने में छत्तीसगढ़ भी शामिल रहा, जिससे स्थानीय लोगों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ मिलना संभव हुआ।
स्वास्थ्य अवसंरचना का विस्तार — मेडिकल कॉलेज व मेडिसिटी
राज्य सरकार की पहलों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 20 महीनों में पांच नए मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति दी गई है। नवा रायपुर में 5,000 बिस्तरों की क्षमता वाली मेडिसिटी के निर्माण का भी उल्लेख किया गया। साय ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ राज्य बना था तब केवल एक मेडिकल कॉलेज था, वहीं आज प्रदेश में कुल 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं — यह स्वास्थ्य सेवा के दायरे के व्यापक विस्तार का प्रमाण है।
विशेषज्ञों की राय और प्रशिक्षण का महत्त्व
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि साथ-साथ बीमारियों का दायरा भी बढ़ रहा है और ऐसे में आधुनिक तकनीक का समावेश आवश्यक है। उन्होंने रोबोटिक सर्जरी को चिकित्सकीय क्षमता व गुणवत्ता बढ़ाने में अहम बताया। कार्यक्रम में एम्स रायपुर के निदेशक—सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) डॉ. अशोक जिंदल, विभागाध्यक्ष डॉ. देवज्योति मोहंती, चिकित्सा छात्र व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
स्थानीय जुड़ाव और प्रेरक पहल
मुख्यमंत्री ने ‘देव हस्त’ के नामकरण के लिए आयोजित प्रतियोगिता की विजेता ज्योत्स्ना किराडू को पुरस्कार राशि रूप में पाँच हजार रुपये प्रदान किए। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे तकनीकी निवेश और मानव-सुविधाओं के समुचित संयोजन से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएँ और भी सुदृढ़ होंगी।
एम्स रायपुर में ‘देव हस्त’ का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के लिए केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं — बल्कि उच्चस्तरीय चिकित्सा पहुंच, बेहतर रोगी-परिवार सुविधाएँ और स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार का संकेत है। आने वाले वर्षों में इससे प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों के रोगियों को चिकित्सीय विकल्पों में बड़ी सुविधा मिलने की संभावना है।