
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में भाग लिया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष उन्होंने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार की मांग उठाई। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि राज्य में राष्ट्रीय औसत के स्तर तक पहुंचने के लिए 11,500 किमी और राष्ट्रीय राजमार्गों की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा, और किसी भी बाधा को दूर करने के लिए सरकारी विभागों की भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 में प्रदेश में 8364 किमी के 48 राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जो 2024 में बढ़कर 12,733 किमी हो गए हैं। इसके बावजूद, जनसंख्या के अनुसार राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 500 किमी लंबाई के राजमार्ग दो लेन से कम हैं, जिन्हें न्यूनतम स्तर पर लाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ के मद्देनजर प्रयागराज रिंग रोड समेत अन्य परियोजनाओं को दिसंबर 2024 तक पूरा करने की मांग भी रखी।
उन्होंने वाराणसी रिंग रोड और ब्रज चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का अनुरोध किया, साथ ही 10 नए राजमार्गों को भी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने पांच मंडलों में रिंग रोड निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इन परियोजनाओं के लिए सरकारी भूमि निशुल्क दी जाएगी।
पांच मंडलों के लिए मांगी रिंग रोड
सीएम ने बताया कि प्रदेश के 18 में से 13 मंडलों में रिंग रोड निर्माण की प्रक्रिया या तो चल रही है या पूरी हो चुकी है। इसके अलावा प्रदेश के पांच मंडल अलीगढ़, देवीपाटन, झांसी, मीरजापुर और सहारनपुर में रिंग रोड बनाना भी आवश्यक है। उन्होंने प्रदेश में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के रख रखाव को उच्च स्तर का रखने पर जोर दिया।
हाईवे के लिए निशुल्क मिलेगी सरकारी विभागों की जमीन मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों की परियोजनाओं को लागू करने में जो व्यवधान हैं उनका प्रदेश में समयबद्ध ढंग से समाधान किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजा वितरण को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा राज्य सरकार ने यह भी तय किया है कि किसी भी विभाग की भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार के लिए निशुल्क दी जाएगी। साथ ही फॉरेस्ट क्लियरेंस भी समय पर कराया जाएगा। उन्होंने सिंचाई विभाग या अन्य विभाग के पास उपलब्ध भूमि को फॉरेस्ट क्लियरेंस प्रस्तावों के लिए गैर वन भूमि के रूप में उपलब्ध कराने के लिए भी आश्वस्त किया। साथ ही कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की परियोजनाओं पर यूपी पीटीसीएल की ओर से लगाए जाने वाले शटडाउन शुल्क को भी प्रदेश सरकार नहीं लेगी।
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VIKAS TRIPATHI
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