Wednesday, July 2, 2025
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दिल्ली के मुख्यमंत्री के चयन में देरी: भाजपा की रणनीति और संभावित चेहरे

नई दिल्ली, 15 फरवरी 2025:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 48 सीटों पर शानदार जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी (AAP) के 10 साल के शासन को समाप्त कर दिया। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि राजधानी की कमान किसे सौंपी जाएगी? पार्टी को सरकार बनाने का न्योता मिले एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं हुई है।

इस देरी के पीछे भाजपा की जटिल राजनीतिक गणना और विभिन्न समीकरणों पर गहन मंथन चल रहा है। भाजपा नेतृत्व एक ऐसा चेहरा तलाश रहा है, जो दिल्ली की सामाजिक संरचना, संगठनात्मक मजबूती और राजनीतिक समीकरणों को साध सके।

मुख्यमंत्री चयन में देरी क्यों?

भाजपा आमतौर पर मुख्यमंत्री चयन में तेजी दिखाती है, लेकिन दिल्ली में यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत धीमी हो गई है। इसकी कुछ प्रमुख वजहें हैं:

  1. पूर्वांचल बनाम दिल्ली लोकल फैक्टर:

✅ दिल्ली की राजनीति में पूर्वांचली वोटरों का बड़ा प्रभाव है, और भाजपा की जीत में इस समुदाय की अहम भूमिका रही है।
✅ भाजपा के पास मनोज तिवारी जैसे बड़े पूर्वांचली चेहरे हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार मूल के मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में लामबंद किया।
✅ दूसरी ओर, भाजपा पर स्थानीय दिल्ली के नेताओं को प्राथमिकता देने का दबाव भी है।

  1. जाट, गुर्जर और बनिया समुदाय का समीकरण:

✅ प्रवेश वर्मा दिल्ली के जाट समुदाय के सबसे बड़े नेता हैं।
✅ यदि भाजपा गुर्जर समुदाय को प्राथमिकता देती है, तो कोई अन्य प्रभावशाली गुर्जर नेता विकल्प हो सकते हैं।
✅ यदि भाजपा बनिया समुदाय को ध्यान में रखती है, तो विजेंद्र गुप्ता या सतीश उपाध्याय को मौका मिल सकता है।
✅ राजस्थान में भाजपा ने ओबीसी समुदाय से भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया, तो क्या दिल्ली में भी जातीय संतुलन साधने पर जोर दिया जाएगा?

  1. अनुसूचित जाति (SC) समुदाय को प्रतिनिधित्व देने का मुद्दा:

✅ भाजपा अनुसूचित जाति समुदाय को मजबूत करने की रणनीति पर भी विचार कर रही है।
✅ अनिल सूद, जो भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और मध्य प्रदेश के सह प्रभारी हैं, एक ऐसा नाम हैं जिन पर चर्चा हो रही है।
✅ यदि भाजपा दिल्ली में SC समुदाय से मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लेती है, तो अनिल सूद एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं।

  1. महिला मुख्यमंत्री का विकल्प:

✅ भाजपा शासित किसी भी राज्य में इस समय महिला मुख्यमंत्री नहीं है।
✅ बांसुरी स्वराज और नूपुर शर्मा जैसे नाम चर्चा में हैं, जो पार्टी के लिए एक नई छवि गढ़ सकते हैं।
✅ महिला नेतृत्व से भाजपा को लंबे समय से चली आ रही ‘पुरुष-प्रधान नेतृत्व’ की छवि तोड़ने में मदद मिल सकती है।

संभावित मुख्यमंत्री चेहरे

1️⃣ प्रवेश वर्मा (जाट समुदाय, पूर्व सांसद, अनुभवी नेता)

✅ दो बार सांसद रह चुके हैं और दिल्ली में जाट समुदाय का सबसे बड़ा चेहरा हैं।
✅ AAP और कांग्रेस के बड़े नेताओं को हरा चुके हैं।
✅ मजबूत संगठनात्मक पकड़ और मोदी-शाह की टीम में भरोसेमंद।

2️⃣ मनोज तिवारी (पूर्वांचली नेता, लोकप्रिय चेहरा)

✅ भाजपा के सबसे बड़े पूर्वांचली चेहरों में से एक।
✅ जनता के बीच सीधा जुड़ाव और जबरदस्त लोकप्रियता।
✅ पार्टी को 2029 लोकसभा चुनाव में भी फायदा हो सकता है।

3️⃣ बांसुरी स्वराज (महिला और युवा चेहरा, सुषमा स्वराज की विरासत)

✅ युवा चेहरा और सुषमा स्वराज की बेटी होने के कारण लोकप्रियता।
✅ भाजपा यदि महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहती है, तो सबसे उपयुक्त नाम।

4️⃣ नूपुर शर्मा (तेजतर्रार वक्ता, हिंदुत्व एजेंडे की समर्थक)

✅ भाजपा के कट्टर समर्थकों के बीच मजबूत पकड़।
✅ हिंदुत्व एजेंडे को आगे बढ़ाने में सक्षम।

5️⃣ विजेंद्र गुप्ता (बनिया समुदाय, अनुभवी नेता)

✅ दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता और बनिया समुदाय के प्रभावी प्रतिनिधि।
✅ भाजपा यदि व्यापारी वर्ग और पारंपरिक भाजपा वोटरों को और मजबूत करना चाहती है, तो वे सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं।

6️⃣ सतीश उपाध्याय (स्थानीय नेता, ब्राह्मण समुदाय व पुराने नेता )

✅ दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं।
✅ व्यापारी संगठनों में अच्छी पकड़ रखते हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं।

7️⃣ अनिल सूद (अनुसूचित जाति समुदाय, भाजपा SC मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य)

✅ भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और मध्य प्रदेश के सह प्रभारी हैं।
✅ SC समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के भाजपा के एजेंडे में फिट बैठ सकते हैं।
✅ यदि भाजपा दिल्ली में सामाजिक संतुलन साधने की रणनीति अपनाती है, तो वे एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं।

आगे क्या होगा?

✅ भाजपा का शीर्ष नेतृत्व (नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा) सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर निर्णय लेगा।
✅ 17 या 18 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें अंतिम मुहर लगेगी।
✅ 19 या 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे।

भाजपा दिल्ली में एक ऐसा चेहरा चुनना चाहती है, जो दिल्ली की राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक जरूरतों को पूरा कर सके।

👉 संभावित नाम:
1️⃣ प्रवेश वर्मा (अनुभवी, जाट नेता, AAP-कांग्रेस के बड़े चेहरों को हरा चुके हैं)
2️⃣ मनोज तिवारी (लोकप्रिय पूर्वांचली चेहरा, जनता के बीच मजबूत पकड़)
3️⃣ बांसुरी स्वराज या नूपुर शर्मा (महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए विकल्प)
4️⃣ विजेंद्र गुप्ता (बनिया समुदाय से, अनुभवी संगठनकर्ता)
5️⃣ सतीश उपाध्याय (व्यापारी संगठनों में अच्छी पकड़ और भाजपा के वरिष्ठ नेता)
6️⃣ अनिल सूद (अनुसूचित जाति समुदाय से, भाजपा SC मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य)

👉 भाजपा का यह फैसला दिल्ली की राजनीति की दिशा तय करेगा। ऐसे में मुख्यमंत्री चयन में थोड़ी देरी हो रही है, लेकिन जल्द ही भाजपा इस पर अंतिम निर्णय ले लेगी।

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VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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