गाजीपुर। शादियाबाद थाना क्षेत्र के शाहपुर शमशेर खां गांव में दबंगों के जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल 50 वर्षीय महिला की महीनों तक चले इलाज के बाद मौत हो गई। महिला की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं पूरे गांव में भारी आक्रोश का माहौल है। परिजनों ने शादियाबाद पुलिस पर गंभीर लापरवाही और आरोपियों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
नवनिर्मित मकान में काम करते समय हुआ हमला
घटना बीते सात नवंबर की है। गांव निवासी अहमद खान, उनकी पत्नी शबनम बेगम (50) और पुत्री शबा परवीन (22) अपने नवनिर्मित मकान में सुबह पानी डालने और घरेलू कार्य कर रहे थे। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाले दबंग किस्म के लोग पीछे से आए और लोहे के हथौड़े से तीनों पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
हमले में पिता, माता और पुत्री के सिर पर गंभीर चोटें आईं और तीनों मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़े।
गंभीर हालत में वाराणसी ट्रामा सेंटर किया गया रेफर
ग्रामीणों की मदद से घायलों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी ले जाया गया था , जहां से हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल गाजीपुर और फिर ट्रामा सेंटर वाराणसी रेफर कर दिया गया था। इलाज के दौरान अहमद खान और उनकी पुत्री शबा परवीन की हालत में सुधार हो गया, लेकिन शबनम बेगम की स्थिति लगातार नाजुक बनी रही।
इलाज के दौरान महिला की मौत
लगातार कई महीनों तक चले इलाज के बाद शुक्रवार देर रात करीब एक बजे शबनम बेगम ने दम तोड़ दिया। महिला की मौत की खबर मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
पुलिस पर लापरवाही और मिलीभगत का आरोप
परिजनों का आरोप है कि घटना के दिन से ही कई बार डायल 112 पर सूचना दी गई, लेकिन शादियाबाद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। हमलावर खुलेआम गांव में घूमते रहे और पुलिस महीनों तक उन्हें पकड़ने में नाकाम रही।
परिजनों के मुताबिक हमलावरों के घर से पुलिस चौकी की दूरी महज एक किलोमीटर है, इसके बावजूद करीब 25 दिनों तक आरोपी बेखौफ घूमते रहे।
20–25 दिन बाद कोर्ट में किया सरेंडर
परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस की मिलीभगत के चलते ही आरोपी लगभग 20 से 25 दिन बाद गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर करने में सफल हुए। उनका कहना है कि पुलिस ने अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित परिवार से ही बार-बार पूछताछ की।
दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग
महिला की मौत के बाद परिजनों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई और आरोपियों पर सख्त कानूनी कदम उठाने की मांग की है। इस घटना ने एक बार फिर शादियाबाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।














